स्वास्थ्य
दिल्ली–NCR में दमघोंटू हवा: दिसंबर की शुरुआत से एक्यूआई ‘बेहद गंभीर’
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु
गुणवत्ता लगातार खतरे के निशान से ऊपर बनी
हुई है। दिसंबर की पहली तारीख से लेकर अब
तक हवा की गुणवत्ता अति गंभीर श्रेणी में दर्ज
की जा रही है। राजधानी दिल्ली के ज्यादातर
मॉनिटरिंग स्टेशनों पर एक्यूआई 320 से 370
के बीच रिकॉर्ड हुआ है, वहीं नोएडा और
गाजियाबाद के कई क्षेत्रों में भी हालात बेहद
खराब बने हुए हैं। जहरीली हवा के कारण
अस्पतालों में सांस से जुड़ी बीमारियों, दमा,
एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायतों वाले
मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली
की स्थिति—लगभग हर जगह ‘लाल’ दिखाई
दे रही है। दिल्ली के प्रमुख एक्यूआई स्टेशनों से
मिले आंकड़े बेहदचिंताजनक हैं। जिनमें आनंद
विहार – 354, अशोक विहार – 337, बवाना
– 367, बुराड़ी क्रॉसिंग – 327, चांदनी चौक
– 321, सीआरआरआई, मथुरा रोड – 301,
डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज – 330, डीटीयू–
343, द्वारका सेक्टर-8 – 326, नेहरू नगर –
350, पटपड़गंज – 340, पंजाबी बाग – 334,
पूसा – 353 और आरके पुरम – 334 पर दर्ज
किया गया है। लगभग सभी स्टेशन गंभीर और
अति गंभीर श्रेणी में मेंटेन हैं, जिससे साफ है कि
हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा खतरनाक स्तर पर
पहुंच चुकी है। गाजियाबाद में भी हालात खराब
हैं। इंदिरापुरम में 283, लोनी – 382, संजय
नगर – 329 और वसुंधरा में एक्यूआई – 307
दर्जकिया गया है। लोनी में गुणवत्ता सबसे खराब
दर्ज की गई है, जहां एक्यूआई 380 के पार है।
नोएडा में भी 1 दिसंबर से लेकर 7 दिसंबर
तक पीएम 2.5 के स्तर लगातार ‘लाल’ श्रेणी
में रहे। जिनमें 1 दिसंबर – 321, 2 दिसंबर –
393, 3 दिसंबर – 365, 4 दिसंबर – 308,
5 दिसंबर – 339, 6 दिसंबर – 344 और 7
मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक
अभी राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे
हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)
के अनुसार, मौजूदा स्तर की हवा दमा के मरीजों
के लिए अत्यंत खतरनाक है। बुजुर्गों, गर्भवती
महिलाओं और बच्चों के लिए जोखिमपूर्ण है
और लंबे समय तक एक्सपोजर पर फेफड़ों में
संक्रमण और सांस की गंभीर दिक्कत पैदा कर
सकती है।