देश की शान

भारत-रुस दोस्ती का नया अध्याय

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिल्ली पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गले लगकर की अगवानी

नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली पहुंच गए हैं। पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उनका स्वागत किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से गले लगकर अभिवादन किया। एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति पुतिन के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। राष्ट्रपति पुतिन इसके बाद प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जहां दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई।

यह दौरा केवल औपचारिक कूटनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत-रूस संबंधों के नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है। पुतिन और मोदी 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन (Annual Summit) में भाग ले रहे हैं, जिसमें व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और विज्ञान सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।

भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, यह यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगी। राष्ट्रपति पुतिन एक बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए हैं। भारत को उम्मीद है कि इस दौरे से रूस के साथ व्यापार घाटे में सुधार होगा और भारतीय निर्यात में बढ़ोतरी होगी। भारत रूस को फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, कृषि और समुद्री उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है। इससे भारतीय व्यवसायों को नया बाजार मिलेगा और रोजगार व किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।

इसके अलावा, शिपिंग, स्वास्थ्य सेवा, उर्वरक और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच संस्कृति, वैज्ञानिक सहयोग और गतिशीलता साझेदारी को लेकर भी नए आयाम खुलने की संभावना है।

पुतिन के आगमन से पहले ही रूस के कई वरिष्ठ मंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं, जिनमें डिप्टी प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और कृषि मंत्री दिमित्री पेट्रोव शामिल हैं।

इस बीच, मीडिया में आई खबरों के अनुसार भारत और रूस के बीच 2 अरब डॉलर की नई परमाणु सबमरीन डील की बात कही गई थी, जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया है।
PIB Fact Check के अनुसार, इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है। रिपोर्ट में जिस सबमरीन प्रोग्राम की बात की जा रही है, उसका कॉन्ट्रैक्ट मार्च 2019 में ही साइन किया जा चुका था। डिलीवरी में देरी के कारण अब नई टाइमलाइन 2028 तय की गई है।

रूस ने भारत को Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट देने की पेशकश की है। यह जेट अमेरिका के F-35 का जवाब माना जाता है। रूस का कहना है कि वह Su-57 की तकनीक बिना किसी प्रतिबंध के भारत को सौंपने को तैयार है। इसमें इंजन, रडार, स्टेल्थ तकनीक और हथियार प्रणालियों की जानकारी भी शामिल होगी। रूस ने यह भी कहा कि यदि भारत चाहे तो Su-57 का निर्माण भारत में ही किया जा सकता है। इसके अलावा रूस ने भारत को टू-सीटर Su-57 फाइटर जेट के संयुक्त विकास (Joint Planning) का भी प्रस्ताव दिया है।