जम्मू (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पाकिस्तानी सेना ने रातभर दर्जनों अग्रिम गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें एक महिला और दो बच्चों समेत दस लोगों की मौत हो गई और करीब 50 लोग घायल हो गए हैं। सभी सात मौतें पुंछ में हुई हैं, गोलीबारी में सबसे ज्यादा प्रभावित पुंछ ही हुआ है। पाकिस्तानी सेना ने पुंछ, राजौरी और उरी में गोलीबारी की है। गोलीबारी में घरों को भी नुकसान पहुंचा है। कई वाहन जल गए हैं। पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी कश्मीर के तंगधार में नियंत्रण रेखा के पास आम कश्मीरी नागरिकों को निशाना बनाया है। तोपखाने की गोलाबारी में एक कश्मीरी नागरिक का पूरा घर जलकर खाक हो गया।
रक्षा सूत्रों ने बुधवार को बताया कि पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा मिसाइल हमले किए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इस पर भारतीय सेना भी जवाबी कार्रवाई की है।
सूत्रों ने बताया कि छह और सात मई की रात में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकियों से जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी गोलीबारी की है। तंगधार में नियंत्रण रेखा के पास मनमाने तरीके से गोलीबारी की। पाकिस्तान की ओर से पुंछ में की गई अंधाधुंध गोलीबारी में दस नागरिकों की जान चली गई। जबकि 50 से अधिक घायल हो गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पुंछ में गोलीबारी में मारे गए नागरिकों में महिला भी शामिल है, मृत महिला का घर पुंछ जिले के मनकोट इलाके में मोर्टार शेल की चपेट में आ गया था। उसकी 13 वर्षीय बेटी घायल हो गई। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी में पुंछ के विभिन्न सेक्टरों में 34 अन्य नागरिक भी घायल हुए हैं, जिनकी हालत स्थिर बताई गई है। राजोरी के ठंडीकस्सी में भी पाकिस्तान गोलाबारी से दो महिलाओं समेत चार लोगों के घायल होने की सूचना है। वहीं, मंगलवार और बुधवार की मध्य रात्रि में पाकिस्तानी सेना द्वारा उरी सेक्टर में भारी गोलाबारी की गई है। इस गोलीबारी में तीन बच्चों समेत कम से कम दस नागरिक घायल हो गए और कई घरों को नुकसान पहुंचा।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि उरी के सलामाबाद के नौपोरा और कलगे इलाकों को निशाना बनाकर गोलाबारी की गई, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और दहशत फैल गई। उन्होंने बताया कि नौ घायल नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “गोलाबारी बहुत तेज थी, जिससे कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भागना पड़ा। कथित तौर पर नष्ट हुए घरों में सलामाबाद में तालिब हुसैन और डॉ. बशीर अहमद के घर भी शामिल हैं।