नई दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को दावा किया कि भारत ने कराची और लाहौर जैसे बड़े शहरों सहित कई स्थानों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन हमले किए हैं। भारत ने पाकिस्तान के जिन इलाकों को निशाना बनाया है, उन जगहों पर इस्राइल से मिले हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल किया है। दुनिया से सबसे घातक ड्रोन में शुमार हार्पी ने पाकिस्तान की कई इमारतों का भारी नुकसान पहुंचाया है। सरकार का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और अब तक 100 से अधिक आतंकी भारतीय सेना की कार्रवाई में मारे गए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। यानी 7 मई को पाकिस्तान के 9 ठिकानों पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद भी ऑपरेशन रोका नहीं गया है। रक्षा मंत्री ने ये बातें दिल्ली के पार्लियामेंट एनेक्सी में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहीं। करीब डेढ़ घंटे चली बैठक से बाहर आने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी रक्षा मंत्री के बयान को दोहराया।
ऑपरेशन सिंदूर के अगले दिन यानी बुधवार-गुरुवार की रात पाकिस्तान ने भारत के 15 से ज्यादा सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की थी। भारत ने रूस से मिले S400 डिफेंस सिस्टम के जरिए इस हमले को नाकाम कर दिया।
जवाबी कार्रवाई में भारत ने गुरुवार सुबह पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर दिया। इसके लिए इजराइल से मिले हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार दोपहर 2.30 बजे बताया कि पाकिस्तान ने उत्तर और पश्चिम भारत के शहरों को भी निशाना बनाया। इस दौरान अवंतिपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज में ड्रोन्स और मिसाइलें दागी गई थीं। इन्हें भी नाकाम कर दिया गया।
हार्पी ड्रोन इस्राइल द्वारा निर्मित मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) है, जिसे इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने विकसित किया है। यह एक लॉइटरिंग म्युनिशन है। जिसे मुख्य रूप से दुश्मन के रडार सिस्टम और हवाई रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह ड्रोन निगरानी और सटीक हमले दोनों में सक्षम है, जो इसे सैन्य अभियानों में एक प्रभावी हथियार बनाता है। हार्पी ड्रोन का फायर एंड फॉरगेट मिसाइल भी कहा जाता है। क्योंकि हमला करने के बाद ये ड्रोन नष्ट हो जाता है। भारत ने इन्हें 2000 में इस्राइल से खरीदा था।
हार्पी ड्रोन को इस्राइल ने 1980 के दशक में विकसित किया गया था। यह मूल रूप से सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस (SEAD) मिशनों के लिए बनाया गया था, जिसमें दुश्मन के रडार और हवाई रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया जाता है। हार्पी का एक उन्नत संस्करण, हारोप (Harop) बाद में विकसित किया गया, जिसमें अधिक उन्नत सेंसर और लंबी रेंज शामिल है। हारोप को भारत सहित कई देशों ने अपनाया है। इसे खुद या ऑपरेटर द्वारा संचालित किया जा सकता है।
लॉइटरिंग म्युनिशन (कामिकेज ड्रोन), जो लक्ष्य पर सीधे हमला करने के लिए खुद को नष्ट कर देता है। ये ड्रोन अधिकतम 185 किमी/घंटा (115 मील/घंटा) गति से उड़ान भर सकता है। इस ड्रोन के अलग-अलग संस्करण 500 से लेकर 1000 किमी तक की दूरी तय कर सकते हैं। एक बार एयरबोर्न होने पर ये आसमान में करीब छह से नौ घंटे तक रह सकते हैं। ये ड्रोन अपने साथ 32 किलो तक हथियार लेकर उड़ सकते हैं।
हार्पी ड्रोन हवा में लंबे समय तक मंडराने की क्षमता रखता है। यह किसी निर्धारित क्षेत्र में उड़ान भरता है, दुश्मन के रडार सिग्नल का पता लगाता है, और फिर स्वचालित रूप से या ऑपरेटर के आदेश पर लक्ष्य पर हमला करता है। यह ड्रोन अपने लक्ष्य पर गोता लगाकर हमला करता है और अपने विस्फोटक वारहेड के साथ खुद को नष्ट कर देता है, जिससे लक्ष्य को भारी नुकसान होता है। हारोप (हार्पी का उन्नत संस्करण) निगरानी ड्रोन और घातक मिसाइल दोनों के रूप में कार्य करता है। यह लक्ष्य क्षेत्रों पर मंडराता है और फिर पता लगने पर लक्ष्य में गोता लगाता है, जिससे यह समय-संवेदनशील खतरों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी हो जाता है। इस बीच, पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर फायरिंग कर रहा है। इसमें जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टर में मोर्टार और गोलीबारी की जा रही है। भारत ने 6 मई की देर रात को पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल से हमला किया था।