मेरठ (एनएफटी रिपोर्टर)। कमिश्नरी सभागार
में मुख्य निर्वाचन अधिकारी उ.प्र. नवदीप रिणवा
की अध्यक्षता में 15 जनपदों के जिलाधिकारी/
जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्वाचक नामावली
पुनरीक्षण, निर्वाचन प्रक्रिया एवं संबंधित नियमकानूनों के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया
गया। कमिश्नर मेरठ मंडल व जिलाधिकारी ने
मुख्य निर्वाचन अधिकारी का शॉल ओढाकर
व बुके देकर स्वागत किया। प्रशिक्षण के दौरान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी उ.प्र. नवदीप रिणवा ने
प्रशिक्षण कार्यक्रम में वोटर लिस्ट की त्रुटियों को
सही करने, बीएलओ को ट्रेनिंग देने, संविधान के
प्राविधानों से लेकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम1950, रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्ट्रोरल रोल 1960
तथा कमीशन के अलग-अलग मैन्युअल तथा
इन्स्ट्रक्शन के बारे में विस्तार से बताया गया।
ईआरओ नेट एक डाटाबेस है, जिससे वोटरलिस्ट
बनती है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश थे कि
किन अधिकारियों को बीएलओ के रूप में नियुक्त
करना है, उसी के अनुसार बीएलओ की नियुक्ति
कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उ.प्र.
के मेरठ जिले में 15 जिला निर्वाचन अधिकारियो
का प्रशिक्षण हो रहा है।
उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार हो रहा कि
इलेक्शन पीरियड के अलावा वोटर लिस्ट को
लेकर इतना सघन एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा
रहा है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग
ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी पोलिंग स्टेशन पर
1200 से अधिक वोटर नहीं रहेंगे। इस प्रकार पूरे
उ.प्र. में लगभग 12 प्रतिशत तथा कुछ जनपदों में
इससे अधिक पोलिंग स्टेशन बढ़ सकते हैं। इसका
फायदा यह होगा कि मतदाताओं को लंबी लाईन
में नहीं खडा होना पड़ेगा। सभी पोलिंग स्टेशन पर
मूलभूत सुविधाएं पीने का पानी, महिला व पुरूष
का अलग शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, साईनेज,
विकलांगों के लिए रैम्प आदि की सुनिश्चितता
करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला निर्वाचन
अधिकारियों को बीएलओ ऐप कैसे कार्य करता
है, इसके बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से निश्चित
ही वोटरलिस्ट की फीडेलिटी, शुद्धता बहुत अच्छी
होगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्वाचन नामावली के
शुद्धीकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत नाम जुड़वाने,
नाम हटाने तथा संशोधन हेतु निर्धारित फार्म-6,
7 एवं 8 के उपयोग की विधि एवं उनसे संबंधित
प्रक्रियाओं को विस्तारपूर्वक समझाया गया। यह
भी निर्देशित किया गया कि प्रत्येक जनपद में
राजनैतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित
हो। राजनैतिक दलों के संबंध में आयोग द्वारा बनाये
गये नियम औरनिर्देशो का शत-प्रतिशत अनुपालन
सुनिश्चितकिया जाये। वोटर पंजीकरण, शिकायत
आदि से संबंधित पोर्टल एवं ऐप का अधिक से
अधिक प्रचार-प्रसार किया जाये। निर्वाचक
नामावली शुद्धिकरण प्रक्रिया में वोटर को जागरूक
करते हुये सहभागी बनाया जाये।
निर्वाचक
नामावली पुनरीक्षण के समस्त कार्यों की जिला
निर्वाचन अधिकारियो द्वारा नियमित मॉनीटरिंग
की जाये।
मतदेय क्षेत्रों/मतदेय स्थलों के युक्तिसंगत
संभाजन, आवश्यकता अनुसार शिफ्टिंग तथा
उन स्थलों पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता
सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की
जाए। वेयरहाउस का प्रत्येक माह निरीक्षण कर
वहां की सुरक्षा व्यवस्था का गहन परीक्षण किया
जाए, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न
करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए। द्वितीय सत्र में
ईआरओ नेट के माध्यम से की जाने वाली समस्त
प्रक्रियाओं, डीओ लॉगिन, ऑपरेटर लॉगिन,
बीएलओ एप, ऑनलाइन पंजीकरण, पब्लिक
सर्विस पोर्टल, शिकायत निवारण पोर्टल आदि का
विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। अधिकारियों
को निर्वाचन से जुड़ी प्रत्येक प्रक्रिया का समयबद्ध,
व्यवस्थित एवं गुणवत्तापूर्णक्रियान्वयन सुनिश्चित
करने हेतु निर्देश दिए गए। प्रशिक्षण के अंतिम सत्र
में उनका मूल्यांकन किया गया। इस अवसर पर उप
मुख्य निर्वाचन अधिकारी उ.प्र. लखनऊ अमित
सिंह, आयुक्त मेरठ मंडल मेरठ हृषिकेश भास्कर
यशोद, 15 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी
उपस्थित रहे।