विशाखापत्तनम (एजेंसी)।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आंध्रप्रदेश
में बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन लाख लोगों
के साथ योग किया। पीएम मोदी ने कहा
कि योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ को
वैश्विक संकल्प बनाने की जरूरत है।
आइए हम सब मिलकर योग को एक जन
आंदोलन बनाएं। योग दिवस समारोह में
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू
और डिप्टी सीएम पवण कल्याण ने भी
भाग लिया।
पीएम मोदी ने कहा कि योग सीमाओं,
पृष्ठभूमि, उम्र या शारीरिक क्षमता से परे
सभी के लिए है। यह एक ऐसा उपहार
है जो मानवता को स्वास्थ्य, सद्भाव और
चेतना में जोड़ता है। मुझे खुशी है कि हम
विशाखापत्तनम में एकत्रित हुए हैं, एक
ऐसा शहर जो प्रकृति और प्रगति का
खूबसूरती से मिश्रण करता है। मैं चंद्रबाबू
नायडू और पवन कल्याण को अपने प्रेरक
नेतृत्व में इस तरह के शानदार कार्यक्रम
की मेजबानी के लिए हार्दिक बधाई देता
हूं। आंध्र प्रदेश ने योग को बढ़ावा देने के
लिए यह सार्थक पहल की है।
उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर योग
को एक जन आंदोलन बनाएं। एक ऐसा
आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य
और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर
व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और
जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज
योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां
योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का
माध्यम बने। जहां योगा फॉर वन अर्थ,
वन हेल्थ एक वैश्विक संकल्प बन जाए।
पीएम मोदी ने कहा कि योग लोगों
को विश्व के साथ एकता की यात्रा पर
ले जाता है। दुनिया भर में कुछ तनाव की
स्थिति बनी हुई है। मेरा विश्व से अनुरोध
है कि इस योग दिवस को मानवता के
लिए योग 2.0 की शुरुआत मानें, जहां
आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाए।
योग एक महान व्यक्तिगत अनुशासन है,
यह एक ऐसी प्रणाली है जो लोगों को मैं
से हम की ओर ले जाती है और यह वह
विराम बटन है जिसकी मानवता को सांस
लेने, संतुलन बनाने और पुनः संपूर्ण बनने
के लिए आवश्यकता होती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहल को
किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में
संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय
योग दिवस घोषित करने की भारत की
पहल को यादकिया।
उन्होंने कहा कि मुझे
याद है जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव
रखा था कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग
दिवस के रूप में मनाया जाए। बहुत ही
कम समय में 175 देश इस पहल का
समर्थन करने के लिए आगे आए। ऐसी
एकता और जबरदस्त वैश्विक समर्थन
वास्तव में असाधारण था। यह केवल एक
प्रस्ताव पर सहमत होने के बारे में नहीं था,
यह मानवता की भलाई के लिए उठाया
गया एक सामूहिक कदम था। यह एक
स्वस्थ, अधिक जागरूक दुनिया के लिए
एक साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है। आज
हम देख सकते हैं कि योग दुनिया भर में
कई लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग
बन गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि कैसे योग पृथ्वी
के हर कोने तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य
और शांति का वैश्विक प्रतीक बन गया
है। उन्होंने कहा कि चाहे सिडनी ओपेरा
हाउस की सीढ़ियां हों, एवरेस्ट की चोटियां
हों या समुद्र का विस्तार। हर जगह संदेश
एक ही है - योग सभी का है और सभी के
लिए है।
योग की वैश्विक स्वीकृति सिर्फ
प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह मानव
कल्याण के लिए एक संयुक्त प्रयास है।
योग ने पूरी दुनिया को जोड़ा
प्रधानमंत्री ने दुनिया भर के लोगों को
योग दिवस शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा
कि आज 11वीं बार पूरी दुनिया 21 जून
को एक साथ योग कर रही है। योग का
सीधा सा मतलब है जुड़ना। यह देखना
अद्भुत है कि कैसे योग ने पूरी दुनिया को
जोड़ा है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने
भी नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि
योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है।
कई लोगों के लिए, इसका बहुत गहरा अर्थ
है। यह एक ऐसा मार्ग है जिसके माध्यम से
हम अक्सर ध्यान जैसी प्रथाओं के माध्यम
से अपनी आंतरिक चेतना से जुड़ने का
प्रयास करते हैं।
योग शब्द का अर्थ ही ‘एकजुट होना’
है, जो शरीर, मन और आत्मा के मिलन
का प्रतीक है। यह न केवल एक शारीरिक
अनुशासन है, बल्कि एक गहन मानसिक
और आध्यात्मिक अभ्यास भी है।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2014 में
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषणा की कि
21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग
दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पिछले
एक दशक में, हमने देखा है कि कैसे दनिु या
ने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक
कल्याण के लिए योग को एक शक्तिशाली
अभ्यास के रूप में अपनाया और स्वीकार
किया है।
देश-दुनिया में मनाए जाने वाले 11वें
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की विषयवस्तु,
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग,
तय की गई थी। विशाखापत्तनम में आरके
बीच से भोगापुरम तक 26 किलोमीटर के
क्षेत्र में एक साथ 3.19 लाख लोगों ने योग
किया।