नई िदल्ली (एजेंसी)। भारतीय अंतरिक्ष
यात्री शुभांशु शुक्ला का स्पेसएक्स ड्रैगन
कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंच
गया है। अंतरिक्ष यान करीब 28.5 घंटे की
यात्रा के बाद 26 जून गुरुवार को भारतीय
समय के अनुसार शाम करीब 4:05 बजे
आईएसएस से जुड़ा। ड्रैगन कैप्सूल पहले
से तय समय से 20 मिनट पहले डॉक हुआ
है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और ड्रैगन
यान के बीच डॉकिंग की प्रक्रिया को पूरा
होने में अभी एक घंटे से अधिक का वक्त
लगेगा। जिसमें हवा के रिसाव और दबाव
की स्थिरता की पुष्टि होगी। इसके बाद
क्रू अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश
करेगा।
स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट ने
बुधवार दोपहर 12:01 बजे एक्सिओम4 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर
फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से
आईएसएस के लिए सफल उड़ान भरी
थी। स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल की सफल
़डॉकिंग पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बधाई
दी है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, बधाई हो...
एक्सिओम-4 डॉकिंग सफल रही। शुभांशु
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के द्वार पर
खड़े हैं। भीतर कदम रखने के लिए तैयार,
14 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा शुरू होने वाली
है..और पूरा विश्व उत्साह और अपेक्षा के
साथ देख रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु
शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
(आईएसएस) के लिए सफल उड़ान
भरने के साथ ही नया इतिहास रच दिया।
तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ रवाना
हुए शुभांशु की यह यात्रा 41 साल बाद
किसी भारतीय की पहली अंतरिक्ष यात्रा है।
आईएसएस की यात्रा करने वाले वह पहले
भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। उनसेपहले
1984 में राकेश शर्मा रूसी अंतरिक्ष यान
सोयूज के जरिये अंतरिक्ष में गए थे।
शुभांशु शुक्ल इस मिशन में पायलट के
तौर पर आईएसएस भेजे जा रहे हैं। यानी
जिस ड्रैगन कैप्सूल के जरिए एग्जियोम4 मिशन को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन
(आईएसएस) रवाना किया जाएगा,
शुभांशु उसको गाइड करने (नैविगेशन)
में अहम भमूिका निभाएंग। यहां स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस पर डॉक कराने सेलेकर
अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाने तक
की जिम्मेदारी शुभांशु के ही कंधों पर होगी।
इसके अलावा अगर यह कैप्सूल किसी
तरह की दिक्कत में आता है तो शुभांशु के
पास ही यान का कंट्रोल और आपात फैसले
लेने की जिम्मेदारी होगी। कुल मिलाकर
शुभांशु इस मिशन में सेकंड-इन-कमांड
की भूमिका में होंगे। पेगी व्हिट्सन के बाद
वे एग्जियोम-4 का सबसे अहम केंद्र होंगे।
एग्जियोम मिशन के तहत आईएसएस में
कुल 14 दिन बिताएंगे।
शुभांशु शुक्ल एग्जियोम मिशन के
दौरान अपने साथ इसरो से जुड कई उपकरण, एक्सपेरिमेंट के लिए जरूरी
वस्तुएं, पौधे और जीवाश्वों को ले गए हैं।
इसके जरिए शुभांशु कई प्रयोगों को अंजाम
देंग, जो कि भारत के पहले अंतरिक्ष मिशनगगनयान के लिए अहम साबित होंगे।
इसके अलावा शुभांशु अपने साथ विशेष
तौर पर बनाया गया भारतीय खाना भी ले
गए हैं। इनमें आम रस, मूंग दाल का हलवा,
गाजर का हलवा और चावल से बनी कई
चीजें शामिल हैं। यह पहली बार होगा, जब
अंतरिक्ष में भारतीय खाना भी पहुंचा है।