लखनऊ (ब्यूरो) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के
11 वर्ष के कार्यकाल पूरे होने पर मंगलवार
को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा
प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता कर केंद्र
सरकार का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। इस
दौरान उन्होंने इन 11 वर्षों के कार्यकाल
को विकसित भारत एवं आत्मनिर्भर भारत
के निर्माण का स्वर्णिम काल करार दिया।
उन्होंने कहा कि इन 11 वर्षों में प्रधानमंत्री
मोदी ने भारत को न केवल वैश्विक
पहचान दी है, बल्कि स्वयं को तपाकर
और खपाकर 140 करोड़ भारतवासियों
को भी एक विश्वास का प्रतीक बनाया
है। प्रधानमंत्री मोदी का 11 वर्ष का यह
कार्यकाल नए भारत को एक विकसित,
आत्मनिर्भर, स्वर्णिम कालखंड के रूप में
प्रस्तुत करता है। इस स्वर्णिम कालखंड
के लिए हम उत्तर प्रदेश सरकार और
प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री को
बधाई देते हैं।
मीडिया को संबोधित करते हुए
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी का
स्पष्ट कहना है कि जहां तकनीक है,
वहां तरक्की है। आपने देखा होगा कि
जहां भाजपा की सरकार है, वहीं गरीब
कल्याण भी है।
प्रधानमंत्री का स्पष्ट
कहना है कि शासन अब सेवा का माध्यम
बनेगा। सरकार आम जनमानस के साथ
सहभागी बनेगी। सुशासन अब संस्कृति
के रूप में देखने को मिल रहा है। 11 वर्ष
के प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल को
हमने इन रूपों में देखा है। 11 वर्ष का
यह कार्यकाल सेवा को संकल्प के रूप
में, सुशासन को संस्कृति के रूप में और
सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।
यही है नया भारत, यही है विश्व का नए
भारत पर विश्वास।
उन्होंने कहा कि आजादी के 65 वर्षों में
कांग्स ने रे तृत्व और अन्य अस्थिर सरकारों
के कारण आमजन का विश्वास टूटा था,
विश्वास खंडित हुआ था, वैश्विक मंच
पर भारत की छवितार-तार हुई थी। पिछले
11 वर्षों के अंदर प्रधानमंत्री मोदी के रूप में
भ्रष्टाचार से मुक्त, परिवारवाद से मुक्त,
तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त, एक
भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को
साकार करने वाला एक ऐसा नेतृत्वमिला
है, जिन्होंने पूरे भारत को विश्वास का
प्रतीक बनाकर भारत को विकसित भारत
और आत्मनिर्भर भारत की एक सुदृढ़ नींव
का निर्माण करते हुए अगले 25 वर्ष के
व्यापक कार्ययोजना पूरे भारतवासियों के
सामने प्रस्तुत की है।
सीएम योगी ने कहा कि इन 11 वर्षों
में भारत में न केवल सामाजिक और
सांस्तिकृ क दृष्टि से बल्कि सुरक्षा,
सुशासन और आर्थिक मोर्चे पर भी एक
नई पहचान बनाई है। शासन की नीति
स्पष्टता, कार्यप्रणाली की पारदर्शिता और
जनता के प्रति जवाबदेही अब शासन की
एक नई पहचान बनी है। विकास केवल
नारे नहीं, बल्कि विरासत और विकास
का बेहतर समन्वय करते हुए, आम
जनमानस को साथ लेकर चलने की एक
नई प्रवृत्ति को दुनिया के अंदर भारत को
नई पहचान दिलाई है। अब चेहरा देखकर
नहीं, बल्कि पात्रता के अनुरूप हर व्यक्ति
को बिना भेदभाव के शासन कीयोजनाओं
का लाभ मिलता है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के
नेतृत्व की सरकार के 11 साल ऐसे समय
में पूरे हो रहे हैं, जब पूरी दुनिया में भारत की
सैन्य शक्ति को पाकिस्तान में टेस्टेड और
दुनिया में ट्रस्टेड उस ताकत में देखा गया
है, जो अभी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम
से हम सबको देखने को मिला है। अब वह
प्रवृत्ति नहीं जो 2014 के पहले आतंकवाद
के मुद्दे पर देखने को मिलती थी कि भारत
तो केवल शांति का पक्षधर है। हर हाल
में हमें शांति के रट लगाने की जो आदत
2014 के पहले पड़ गई थी, पीएम मोदी ने
न्यू नॉर्मल के माध्यम से उस अवधारणा
को पलट करके सज्जनों के साथ शांति
से विकास की बात करेंगे, लेकिन कोई
हम पर युद्ध थोपेगा, हमारी सुरक्षा पर सेंध
लगाएगा, भारत के अंदर आतंकवाद को
प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा तो उसका
जवाब सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक
और ऑपरेशन सिंदूर ही होंगे। यह भारत
ने मेड इन इंडिया की ताकत के माध्यम से
करके दिखाया है और दुनिया ने इस ताकत
का एहसास भी किया है।
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत
महोत्सव वर्ष में देश के जनमानस को
प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत का जो
मंत्र दिया, इसके लिए उन्होंने पंच प्रण और
11 संकल्प प्रत्येक भारतवासी को याद
कराए थे। यह पंच प्रण, विकसित भारत का
संकल्प, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति,
अपनी विरासत पर गर्व, राष्ट्रीय एकता
और एकजुटता और नागरिक कर्तव्य का
पालन हैं। 11 वर्ष के कालखंड को अगर
आप देखेंगे तो सरकार ने विकसित भारत
की जो आधारशिला रखी है, वह इन्हीं पंच
प्रण को ध्यान में रखकर की है और इसी
के आधार पर विकसित भारत का यह
मॉडल भारत को दुनिया की एक आर्थिक
महाशक्ति के रूप में भी स्थापित करता
है, जो 11 संकल्प पीएम मोदी ने प्रत्येक
भारतवासी के लिए सुनिश्चित किए हैं,
उनमें कर्तव्य का पालन, एक समावेशी
विकास, गांव, गरीब, किसान, नौजवान,
महिलाएं, समाज के प्रत्येक तबके को
ध्यान में रखकर पिछले 11 वर्ष में किए गए
गरीब कल्याणकारी, लोक कल्याणकारी
कार्यक्रम, इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट का
जो मॉडल है, यह सभी उसके हिस्से हैं।
भ्रष्टाचार मुक्त शासन, टेक्नोलॉजी का
उपयोग करते हुए डीबीटी के माध्यम से
जो कार्यपिछले 11 वर्ष के अंदर देखने को
मिले हैं, स्वतंत्र भारत के 65 वर्षों में इस
प्रकार का मॉडल कभी भी देखने को नहीं
मिला था।
कानून का सम्मान, वंशवाद
की राजनीति का अंत, इतिहास की उन
गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं होने देना
है, जिनके कारण देश गुलाम हुआ था।
इसके लिए आवश्यक है कि वंशवाद की
राजनीति को खत्म किया जाए।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को नेतृत्व,
मातृ वंदना कार्यक्रम से लेकर बेटी पढ़ाओ,
बेटी बचाओ कार्यक्रम से लेकर के नारी
शक्ति वंदन अधिनियम तक किए गए
अनेक कार्यक्रम, सैनिक स्कूलों में बेटियों
की भर्ती हो, नेशनल डिफेंस एकेडमी में
भी पहली बार महिलाओं की भर्ती हो सके
और वह भी सेवा में उच्च सैन्य अधिकारी
के पद पर जा सकें, यह पहली बार हुआ
है। इसके साथ ही, संविधान का सम्मान,
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा
बनाए गए संविधान का हर हाल में सम्मान
होगा और इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने
26 नवंबर की तिथि को संविधान दिवस
के रूप में पूरे देश के अंदर 2015 से इस
कार्यक्रम को करने की कार्यवाही पहली
बार शुरू की