राजकरण
नहर व्यवस्था सुधार के लिए 95 नई परियोजनाओं को सीएम योगी ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक में नहर व्यवस्था को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से 95 नई परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।
उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार
को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की
विस्तृत समीक्षा बैठक में नहर व्यवस्था
को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से 95
नई परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं प्रदेश के
कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों
को समयबद्ध सिंचाई उपलब्ध कराने की
दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। कुल
39453.39 लाख रुपए की लागत वाली
इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर 36 हजार
हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित
होगी, जिससे लगभग 9 लाख किसान और
ग्रामीण आबादी को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
साथ ही 273 हेक्टेयर विभागीय राजकीय
भूमि को संरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने
निर्देश दिया किसभी स्वीकृत कार्यनिर्धारित
समयसीमा में पूर्ण हों और गुणवत्ता पर
किसी भी स्थिति में समझौता न किया जाए।
बैठक में बताया गया कि नहर पुनर्स्थापना से
जुड़ी इन 95 परियोजनाओं में नहर प्रणाली
के गैप्स में नहर निर्माण, हेड रेगुलेटर,
क्रॉस रेगुलेटर, साइफन, फॉल तथा अन्य
पक्की संरचनाओं का निर्माण शामिल है।
नहरों के आंतरिक एवं बाह्य सेक्शन के
सुधार, फिलिंग रीच में लाइनिंग के कार्य,
क्षतिग्रस्त कुलाबों के पुनर्निर्माण, नहरों पर
पुल-पुलियों के निर्माण एवं मरम्मत तथा
नहर पटरियों पर खड़ंजा निर्माण को भी
परियोजनाओं में शामिल किया गया है।
निरीक्षण भवनों, कार्यालय भवनों तथा
नहरों पर निर्मित पनचक्कियों के जीर्णोद्धार
के साथ ही विभागीय भूमि की सुरक्षा हेतु
बाउंड्रीवाल निर्माण भी प्रस्तावित है। इन
परियोजनाओं के क्रियान्वयन से सिंचाई
नेटवर्क की क्षमता बढ़ेगी और विभिन्न
क्षेत्रों में जल उपलब्धता सुचारू होगी,
विशेष रूप से पूर्वांचल, तराई, बुंदेलखंड
और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को
इनसे बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं
का उद्देश्य केवल निर्माण नहीं बल्कि जल
प्रबंधन की दक्षता, किसान हित, कृषि
उत्पादन वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था
की मजबूती है। उन्होंने कहा कि सरकार
का लक्ष्य है कि प्रदेश का कोई भी किसान
सिंचाई के अभाव में अपनी फसल प्रभावित
न होने पाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में विभाग को
अनुपयोगी पड़ी भूमि के सर्वेक्षण और
उसके सदुपयोग हेतु विस्तृत कार्ययोजना
तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा
कि विभागीय भूमि का सुविचारित उपयोग
विभाग की आयसंवर्द्धन में सहायक होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रबंधन से
जुड़े कार्यों कीसमीक्षा करते हुए निर्देश दिया
कि आगामी वर्ष की आवश्यकता को ध्यान
में रखते हुए सभी तैयारियां जनवरी माह से
प्रारंभ कर दी जाएं। उन्होंने कहा कि इस
संबंध में जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन से
विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए ताकि
समय रहते आगे की कार्यवाही सुनिश्चित
हो सके।