देश की शान

पीएम मोदी ने INS सूरत, नीलगिरी और वाघशीर को समर्पित किया, बोले- भारत की समुद्री शक्ति को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय नौसेना के तीन प्रमुख युद्धपोतों – INS सूरत, नीलगिरी और वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि यह घटना भारत की समुद्री शक्ति के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और यह भारतीय नौसेना की समुद्री विरासत को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय नौसेना को तीन प्रमुख युद्धपोतों – INS सूरत, INS नीलगिरी, और INS वाघशीर को समर्पित किया। इन युद्धपोतों की कमीशनिंग से भारतीय नौसेना की सामरिक ताकत में और वृद्धि होगी और भारत की समुद्री शक्ति को वैश्विक स्तर पर एक नया मुकाम मिलेगा। पीएम मोदी ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन भारत की समुद्री विरासत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और इस कदम से देश की समुद्री सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी।

INS सूरत, नीलगिरी और वाघशीर: भारतीय नौसेना की नई ताकत

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समर्पित किए गए युद्धपोतों में INS सूरत, INS नीलगिरी, और INS वाघशीर शामिल हैं। ये सभी युद्धपोत आधुनिक तकनीक से लैस हैं और भारतीय नौसेना की रणनीतिक क्षमताओं को नई ऊँचाइयाँ देने में सक्षम हैं।

  1. INS सूरत: यह एक अत्याधुनिक प्रेस्टीज श्रेणी का युद्धपोत है, जो भारतीय नौसेना की लॉजिस्टिक सपोर्ट को बढ़ावा देगा और समुद्र के अंदर भारतीय सामरिक क्षमता को दुरुस्त करेगा।

  2. INS नीलगिरी: यह एक स्टील्थ फ्रिगेट है जो भारतीय नौसेना की समुद्री रक्षा को सुदृढ़ करेगा। इसमें अत्याधुनिक हथियार प्रणालियाँ और सेंसर्स लगाए गए हैं, जो इसे समुद्र की गहराई में भी शक्तिशाली बनाते हैं।

  3. INS वाघशीर: यह एक उन्नत सबमरीन है, जो भारत की समुद्री सुरक्षा को और भी मजबूत बनाएगा। यह समुद्र के अंदर गुप्त मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम देने में सक्षम है।

समुद्री सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने इन युद्धपोतों के समर्पण पर कहा, "यह दिन भारत के लिए गर्व का पल है। हम अपनी समुद्री शक्ति को और मजबूत कर रहे हैं, और यह हमारे आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन युद्धपोतों को समर्पित करके हम अपनी समुद्री विरासत को सम्मानित करते हैं और दुनिया को यह संदेश देते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा और समुद्री सामर्थ्य के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर है।"

भारत की समुद्री विरासत

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों में भारत की समुद्री विरासत की महत्ता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "भारत का समुद्र से गहरा संबंध है और हमारे पूर्वजों ने हमेशा समुद्र की शक्ति को समझा और उसका उपयोग किया। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज हम समुद्र के माध्यम से एक नया युग शुरू कर रहे हैं।"

आत्मनिर्भर भारत और भारतीय नौसेना

प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत के तहत देश में स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने की बात की। उन्होंने कहा कि अब भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले अधिकांश युद्धपोत और अन्य उपकरण स्वदेशी निर्माण के हैं, और यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए भारत के सामरिक दृष्टिकोण को मजबूत करता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान भारतीय नौसेना की ताकत और समुद्री शक्ति को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन युद्धपोतों के समर्पण से भारत अपनी समुद्री सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को न केवल मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक सामरिक शक्ति के रूप में भी अपनी स्थिति को मजबूत करेगा। यह कदम भारत को समुद्र में एक प्रमुख शक्ति बनने के रास्ते पर अग्रसर करेगा।