राजकरण

वेंक्टेश्वरा में कार्यशाला का आयोजन

दिल्ली–रुड़की बाईपास स्थित वेंकटेश्वरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में “चैटजीपीटी और उससे आगे: एआई टूल्स, जिनमें हर संकाय और छात्र को महारत हासिल करनी चाहिए” विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई।

दिल्ली–रुड़की बाईपास स्थित वेंकटेश्वरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में “चैटजीपीटी और उससे आगे: एआई टूल्स, जिनमें हर संकाय और छात्र को महारत हासिल करनी चाहिए” विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य फैकल्टी और छात्रों को एआई के लिए तैयार करना और यह दिखाना था कि चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स शिक्षण, सीखने और अनुसंधान की प्रक्रिया को कैसे बदल सकते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत परिसर निदेशक डॉ. प्रताप सिंह, अकादमिक डीन डॉ. राहुल शर्मा और शिक्षा निदेशक डॉ. बी.सी. दुबे द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। शिक्षा विभाग के प्राचार्य डॉ. नितिन राज वर्मा और फार्मेसी विभाग की प्राचार्य डॉ. रितु वर्मा ने कार्यशाला का औपचारिक अनावरण किया। मुख्य वक्ता जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, ग्रेटर नोएडा की डीन एचआर डॉ. मोनिका मखीजा थीं, जिनकी सहायता आउटरीच मैनेजर सुमन धामी ने की। डॉ. मखीजा ने एआई टूल्स की उपयोगिता, उत्पादकता और सटीकता बढ़ाने की क्षमता पर प्रकाश डाला, साथ ही यह भी कहा कि एआई पर अत्यधिक निर्भरता संज्ञानात्मक कौशल को प्रभावित कर सकती है, इसलिए अंतिम प्रस्तुति से पहले परिणामों की जांच आवश्यक है। परिसर निदेशक डॉ. प्रताप सिंह ने कहा कि एआई समय की मांग है, इसलिए छात्रों और शिक्षकों को तकनीकी रूप से उन्नत होना चाहिए। अंत में, डीन डॉ. राहुल शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और छात्रों को भविष्य के लिए एआई टूल्स अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. फरहीन जावेद ने किया।