अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच मेरठ और न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित मास्टर सुंदरलाल स्मृति सम्मान एवं पुस्तक विमोचन समारोह में दिल्ली की अशोका विश्वविद्यालय की इतिहास प्रोफेसर और प्रसिद्ध लेखिका प्रोफेसर अपर्णा वैदिक को मास्टर सुंदरलाल स्मृति सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। प्रो. वैदिक को यह सम्मान शहीद सरदार भगत सिंह पर किए गए उनके विशेष शोध कार्य के लिए प्रदान किया गया। समारोह का आयोजन पंडित प्यारेलाल शर्मा स्मारक सभागार, मेरठ में मास्टर सुंदरलाल जी की 119वीं जयंती के अवसर पर किया गया, जहां उन्हें स्मृति चिन्ह, शाल और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संरक्षक और संयोजक प्रो. वेद प्रकाश बटुक, जो मास्टर सुंदरलाल के अनुज हैं, जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ कवि कौशल कुमार बहजादका ने की। कार्यक्रम में प्रो. असलम जमशेदपुरी, उर्दू विभागाध्यक्ष, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, विशेष अतिथि डॉ. पुष्पलता अधिवक्ता (मुजफ्फरनगर) और पत्रकार-लेखक प्रभात राय मंच पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कवि डॉ. रामगोपाल भारतीय और संजय शर्मा ने किया। शुभारंभ मां वाणी और मास्टर सुंदरलाल जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन से हुआ। इसके बाद अतिथियों का स्वागत शाल और माला पहनाकर किया गया। मास्टर सुंदरलाल जी के जीवन और योगदान पर विस्तृत आलेख पत्रकार शहीद ए चौधरी और कवयित्री पूनम मनु ने प्रस्तुत किए, जबकि डॉ. सैयदा बेगम ने प्रो. बटुक के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। इस अवसर पर कई कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं जिनमें इंद्रजीत सुकुमार (दिल्ली) और धर्मेंद्र सरस प्रमुख रहे।
दूसरे सत्र में प्रो. वेद प्रकाश बटुक की रचनाएं “रचनावली भाग 7” और “बागी से खैरा हुए” पुस्तकों का विमोचन किया गया। इसके साथ ही वरिष्ठ गीतकार गोविंद रस्तोगी की पुस्तक “कुंज कुंज में राधे राधे”, पत्रकार और कवि सूर्यकांत द्विवेदी की “सूर्यांश” तथा बृजमोहन शर्मा की “अब नहीं कुछ शेष मुझमें” का भी विमोचन किया गया। पुस्तकों की समीक्षाएं डॉ. एम.एम. चंद्रा, शहीद ए चौधरी, चरण सिंह स्वामी, रेखा गिरीश, डॉ. पुष्पलता, ऋचा जोशी, और ब्रजराज किशोर राहगीर ने प्रस्तुत कीं।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. अपर्णा वैदिक ने कहा कि मास्टर सुंदरलाल स्मृति सम्मान प्राप्त करना उनके लिए गौरव की बात है। उन्होंने मास्टर सुंदरलाल को एक विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और लेखक के रूप में याद करते हुए कहा कि उनके अनुज प्रो. वेद प्रकाश बटुक भी राष्ट्रभक्त और क्रांतिकारी लेखक हैं जिन्होंने अमेरिका में लंबे समय तक रहने के बावजूद अपना जीवन लेखन और देश सेवा को समर्पित किया।
पत्रकार सूर्यकांत द्विवेदी ने मास्टर सुंदरलाल जी से जुड़ी यादें साझा करते हुए उन्हें “आजादी का वीर सिपाही” बताया। संयोजक डॉ. रामगोपाल भारतीय ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में विचारों की जागरूकता बढ़ाते हैं और देशभक्ति की भावना को मजबूत करते हैं। कार्यक्रम में यशपाल कौत्सायन, ईश्वर चंद गंभीर, ओंकार गुलशन, सत्यव्रत शर्मा, ब्रजराज किशोर राहगीर, सत्यपाल सत्यम, कविता मधुर, रेखा गिरीश, पूनम मनु, संजय तितवाल, मुक्ता शर्मा, रितु अग्रवाल सहित अनेक कवि, साहित्यकार और समाजसेवी मौजूद रहे। अंत में गीतकार सत्यपाल सत्यम ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।