राजधानी में
हवा की गति सुस्त और दिशा बदलने
के कारण शनिवार को हवा गंभीर श्रेणी
की दहलीज पर पहुंच गई। ऐसे में वायु
गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385
दर्जकिया गया। यह हवा की बेहद खराब
श्रेणी है। इसमें शुक्रवार की तुलना में 53
सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई।
दूसरी ओर, एनसीआर में नोएडा की
हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां
एक्यूआई 409 दर्जकिया गया, यह हवा
की गंभीर श्रेणी है। वहीं, गाजियाबाद में
404, ग्रेटर नोएडा में 395 और गुरुग्राम
में 299 एक्यूआई दर्जकिया गया। इसके
अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ
रही। यहां सूचकांक 249 दर्जकिया गया।
यह हवा की खराब श्रेणी है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के
लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार,
वाहन से होने वाला प्रदूषण 16.17
फीसदी रहा। इसके अलावा पेरिफेरल
उद्योग से 8.42, आवासीय इलाकों से
4.04, निर्माण गतिविधियों से 1.46
और सड़क से उड़ने वाली धूल की 1.15
फीसदी की भागीदारी रही। सीपीसीबी के
अनुसार, शनिवार को हवा उत्तर दिशा से
5 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली।
वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण
गहराई 900 मीटर रही। इसके अलावा,
वेंटिलेशन इंडेक्स 4500 मीटर प्रति वर्ग
सेकंड रहा।
दूसरी ओर, दोपहर तीन बजे हवा में
पीएम10 की मात्रा 326.4 और पीएम2.5
की मात्रा 212 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर
दर्ज की गई। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि
मंगलवार तक हवा इसी श्रेणी में बरकरार
रहेगी। इसके चलते सांस के मरीजों को
परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ
ही, लोगों को आंखों में जलन, खांसी,
और सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना
करना पड़ सकता है। इसके अलावा,
शनिवार को दिल्ली के कई इलाकों की
हवा बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में दर्ज
की गई