सरकार ने सिगरेट, पान मसाला और अन्य हानिकारक उत्पादों पर एक्स्ट्रा टैक्स (सेस) लगाने का फैसला किया है। इस टैक्स से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के लिए किया जाएगा। इसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में दी।
लोकसभा में हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल को पास कर दिया गया है। बिल पास होने के बाद पान मसाला, सिगरेट जैसे उत्पाद अब महंगे हो जाएंगे। चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध तैयारी की कमी के कारण हुआ था। आर्मी जनरलों ने बताया था कि 1990 के दशक की शुरुआत से बजट की कमी की वजह से सेना के पास केवल 70-80% अधिकृत हथियार, गोला-बारूद और उपकरण थे।
सीतारमण ने कहा — “हम नहीं चाहते कि भारत में वह स्थिति दोबारा आए। इसलिए यह सेस जरूरी है ताकि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए पर्याप्त फंड मिल सके।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह टैक्स किसी आवश्यक वस्तु पर नहीं, बल्कि केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली हानिकारक वस्तुओं पर लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आम नागरिकों पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े और साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी संसाधन जुटाए जा सकें।
वित्त मंत्री ने बताया कि इस बिल से मिलने वाले राजस्व को कुछ हिस्सों में राज्यों के साथ साझा किया जाएगा, जिससे विशेष स्वास्थ्य योजनाओं को भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी के अलावा पान मसाला बनाने वाली करीब 40 कंपनियों पर अतिरिक्त स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर (सेस) भी लगाया जाएगा।
इस दौरान विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। आरएलपी के नेता हनुमान बेनीवाल ने कहा कि अगर सरकार पान मसाला महंगा कर रही है, तो सेलेब्रिटीज द्वारा किए जा रहे गुटखा और पान मसाले के विज्ञापनों पर भी रोक लगानी चाहिए। उन्होंने पूछा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठा रही है।