मेरठ (एनएफटी रिपोर्टर)। प्रसार निदेशालय, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मोदीपुरम तथा कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग, उ.प्र. के संयुक्त तत्वावधान में “जीआई टैग-अभि विन्यास कार्यशाला” का शुभारम्भ कुलपति डा. के.के. सिंह ने किया। उद्घाटन सत्र में कुलपति ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जी. आई. टैग की सम्भावनाओं के विषय में विस्तृत चर्चा की तथा वैज्ञानिकों को निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के 18 जनपदों में कृषि से सम्बन्धित उत्पादों के जी.आई. टैग की सम्भावनाओं पर कार्य करते हुए विश्वविद्यालय के माध्यम से जी.आई. टैग हासिल करने के लिए केस फाईल करें।
पद्मश्री डा. रजनीकान्त, महासचिव, हयूमेनवेलफेयर एसोसियेशन, वाराणसी ने जी.आई. टैग से सम्बन्धित समस्त विषयों पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते हुए आह्वान किया कि प्रत्येक जनपद में किसानों द्वारा कुछ न कुछ ऐसा उत्पादित किया जा रहा है, जो उस क्षेत्र विशेष से ही सम्बन्ध रखता है। ऐसे उत्पादों के विषय में विस्तृत जानकारी एकत्रित कर जी.आई. टैग की सम्भावनाओं को तलाशा जा सकता है।
डा. सुग्रीव शुक्ला, उप निदेशक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग, उ.प्र. ने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति को धन्यवाद देते हुए अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश शासन जी.आई. टैग को उच्च स्तर पर लेकर जाना चाहती है, जिसमें कृषि विश्वविद्यालयों की भूमिका अहम होगी।
निदेशक प्रसार डा. पी.के. सिंह ने समस्त अतिथिगणों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के क्रम में यह प्रथम विश्वविद्यालय है, जिसने इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया है। कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं मुख्यालय के 50 वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर निदेशक शोध, डा. कमल खिलाड़ी एवं प्रसार निदेशालय के डा. पी.के. सिंह, डा. एस.के. लोधी, डा. एस.के. त्रिपाठी एवं अन्य स्टाफ का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डा. हरिओम कटियार ने किया।