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अमेरिकी टैरिफ से भारतीय शेयर बाजार धड़ाम

एक ही दिन में निवेशकों के ₹14 लाख करोड़ डूबे, अमेरिका में मंदी की बढ़ती आशंकाओं बीच पूरी दुिनया के शेयर बाजारों में बिकवाली

नई दिल्ली (एजेंंसी)। वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंता और अमेरिका में मंदी की बढ़ती आशंकाओं के बीच सोमवार को पूरी दुनिया के शेयर बाजार में भारी बिकवाली दिखी। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा और सेंसेक्स व निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक लगभग तीन फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,226.79 अंक या 2.95 प्रतिशत टूटकर 73,137.90 अंक पर बंद हुआ। यह लगातार तीसरा दिन है जब सेंसेक्स में गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के दौरान सूचकांक 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत गिरकर 71,425.01 अंक तक पहुंच गया था। दूसरी ओर, एनएसई निफ्टी 742.85 अंक या 3.24 प्रतिशत गिरकर 22,161.60 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में बेंचमार्क 1,160.8 अंक या 5.06 प्रतिशत गिरकर 21,743.65 तक पहुंचा।

इस दौरान, निवेशकों को करीब 14 लाख करोड़ रुपये का चूना लगा। सोमवार को घरेलू बाजार में हुई भीषण बिकवाली के बीच कुछ बड़ी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दिखी। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर अपने 52 हफ्तों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया और 5% से अधिक की गिरावट के साथ बीएसई पर 1144.90 रुपये के भाव पर कारोबार करता दिखा। बीते छह दिनों में कंपनी के मार्केट कैप में करीब दो लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, लार्सन एंड टूब्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयरों पर भी भारी बिकवाली का असर दिखा। मेटल सेक्टर के शेयरों का हाल सबसे खराब रहा।

दूसरी ओर, बीएसई पर टाटा स्टील का शेयर 11.56 प्रतिशत, नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड का 11.22 प्रतिशत, एपीएल अपोलो ट्यूब्स का 10 प्रतिशत, सेल का 9.99 प्रतिशत, जेएसडब्ल्यूस्टील का 9.92 प्रतिशत तथा जिंदल स्टेनलेस का 9.91 प्रतिशत टूट गया। हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में 9.83 प्रतिशत, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में 8.95 प्रतिशत, एनएमडीसी में 8.48 प्रतिशत तथा जिंदल स्टील एंड पावर में 8.19 प्रतिशत की गिरावट आई। बीएसई धातु सूचकांक 6.52 प्रतिशत गिरकर 26,594.09 पर आ गया। अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन की ओर से अपेक्षा से अधिक जवाबी टैरिफ लगाए जाने से मंदी की आशंकाएं और वैश्विक आर्थिक विकास के प्रति चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसके कारण धातु शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को धातु कंपनियों के शेयरों में 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी। बीएसई के मार्केट कैप में लगा करीब 20 लाख करोड़ रुपये का चूना? इक्विटी बाजार में में मंदी के रुख के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण एक ही दिन में 14,09,225.71 करोड़ रुपये की तेज गिरावट के साथ 3,89,25,660.75 करोड़ रुपये (4.54 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) रह गया।

भारत बाजार में उतार- चढ़ाव को मापने वाला इंडिया VIX 65.70% चढ़कर 22.79 अंकों पर पहुंच गया।बाजार में बढ़े भय के कारण इंडिया VIX में पहली बार एक दिन में इतना तेज उछाला। शेयरों में भारी बिकवाली के बीच वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट की कीमतें भी नीचे फिसल गईं। और यह 2.74 प्रतिशत गिरकर 63.78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। ट्रंप टैरिफ के बाद शेयर बाजार में आए भूचाल से एशियाई और अमेरिकी बाजारों में भी बड़ी बिकवाली आई है। एशियाई बाजारों में, हांगकांग का हैंगसेंग लगभग 11 प्रतिशत तक गिर गया है। टोक्यो का निक्केई 225 लगभग 7 प्रतिशत तक टूटा है वहीं, शंघाई एसएसई कम्पोजिट सूचकांक 6 प्रतिशत से की गिरावट के साथ कारोबार करता दिख रहा है। दक्षिण कोरिया के कोस्पी सूचकांक में भी पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। ट्रम्प के टैरिफ के कारण मंदी की आशंका से यूरोपीय शेयर बाजार 16 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए।पैन-यूरोपीय STOXX 600 में कोविड-19 महामारी के बाद से सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट दिखी और यह 5.8% तक गिर गया। अमेरिकी बाजारों का हाल भी ऐसा ही रहा। एसएंडपी500 शुक्रवार को 5.97 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। दूसरी ओर, नैस्डैक कंपोजिट में 5.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और डॉव 5.50 प्रतिशत तक फिसल गया।