उत्तराखंड के पौड़ीमें पहाड़ टूटा,हिमाचल के मंडी में बादल फटा, घर-गाड़ियां बह

पहाड़ी राज्यों में भारी बािरश से जगह-जगह तबाही

मंडी/देहरादून (एजेंसी)। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 3 दिन से तेज बारिश हो रही है। हिमाचल के मंडी में 4 जगहों पर बादल फटे। कुकलाह में पुल के साथ कई गाड़ियां बह गईं। इधर, उत्तराखंड में कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। पहाड़ों का मलबा सड़कों पर आ गया है। पूरे हिमाचल में 48 घंटों से बारिश जारी है। मंडी में सोमवार सुबह 4 जगह बादल फटे। कुकलाह में पुल के साथ कई गाड़ियां बह गईं। घरों की जगह सिर्फ मलबा दिख रहा है। मंडी शहर में नाले उफान पर हैं। अब तक 3 लोगों की मौत हो गई है, 10 से ज्यादा लापता हैं। मनाली-मंडी फोरलेन हाईवे पर बने टनल के एंट्री पॉइंट पर पहाड़ धंसने से मलबा जमा हो गया।

हिमाचल प्रदेश में जगह-जगह बादल फटने से भारी तबाही हुई है। प्रदेश में साेमवार रात से मंगलवार सुबह तक मूसलाधार बारिश कहर बनकर बरसी। मंडी जिले के गोहर, करसोग व धर्मपुर क्षेत्र बादल फटने से अब तक चार लोगों की माैत हो चुकी है। 16 अभी तक लापता बताए जा रहे हैं। 117 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बादल फटने से 18 घर, 12 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हैं। 30 मवेशियों की माैत हो गई। प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मंडी में आठ जगह बाद फटने की घटनाएं सामने आई हैं। प्रारंभिक आकलन में 500 करोड़ के नुकसान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। गोहर उपमंडल के स्यांज में नाै लोग लापता हैं। चंबा, हमीरपुर व मंडी में 233 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। मंडी में सराज क्षेत्र में सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने तबाही मचादी।

16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट बाढ़ की चपेट में आकर पूरी तरह तबाह हो गया। बाढ़ ने पटिकरी बांध से लेकर गुहाड़ स्थित पटिकरी पावर हाउस तक सब कुछ तहसनहस कर दिया। पावर हाउस और बांध साइट पर तैनात 12 लोगों ने मौके से भागकर जान बचाई। पावर प्रोजेक्ट के एजीएम एवं प्रोजेक्ट इंचार्ज श्याम लाल ने बताया कि सोमवार रात को लगातार बारिश के चलते खड्ड का जलस्तर अचानक बढ़ गया। देखते ही देखते पानी पटिकरी पावर हाउस में घुस गया। उस समय पावर हाउस में आठ और डैम साइट पर चार कर्मचारी नाइट सर्विस पर तैनात थे। सभी ने समय रहते भागकर अपनी जान बचाई। श्याम लाल ने बताया कि कुछ ही घंटों में स्थिति और बिगड़ गई। सुबह जब जायजा लिया तो बांध साइट और पावर हाउस दोनों का नामोनिशान मिट चुका था। रास्ते पूरी तरह टूट चुके हैं।