बागपत: जनपद बागपत के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में जिला प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर बागपत के विशिष्ट उत्पादों को जीआई (Geographical Indication) टैग दिलाने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए।
वर्तमान में जनपद के तीन उत्पाद — गुड़, होम फर्निशिंग और रटौल आम — पहले से जीआई टैग प्राप्त कर चुके हैं। जिलाधिकारी ने रटौल आम के जीआई टैग रिन्यू आवेदन को शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए। साथ ही, बागपत के चावल के लिए हर ब्लॉक में क्लस्टर बनाए जाने की योजना पर भी बल दिया गया, ताकि किसानों को संगठित कर उत्पादन, गुणवत्ता और विपणन में सुधार किया जा सके।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब जिला प्रशासन बागपत की प्रसिद्ध बालूशाही और निरपुड़ा गांव के विशेष छुआरे के लड्डू को जीआई टैग के लिए प्रस्तावित करेगा। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दोनों उत्पादों से संबंधित सभी दस्तावेज, गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट और आवश्यक विवरण निर्धारित समय में तैयार कर भेजे जाएं।
जीआई टैग किसी भी उत्पाद की विशिष्टता, गुणवत्ता और उसके भौगोलिक क्षेत्र से जुड़े गुणों की औपचारिक मान्यता होती है। इसके माध्यम से न केवल स्थानीय उत्पादों की पहचान मजबूत होती है बल्कि नकली उत्पादों पर रोक लगती है और स्थानीय कारीगरों व किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
बागपत की बालूशाही अपने खास स्वाद, कुरकुरेपन और पारंपरिक विधि के लिए प्रसिद्ध है। त्योहारों और आयोजनों में इसकी विशेष मांग रहती है। जीआई टैग मिलने के बाद इस मिठाई की मांग और मूल्य दोनों में वृद्धि होने की संभावना है। इससे स्थानीय मिठाई उद्योग को नया विस्तार, दुकानदारों की आमदनी में बढ़ोतरी और उत्पाद को प्रीमियम श्रेणी में शामिल करने का अवसर मिलेगा।
इसी प्रकार, निरपुड़ा गांव के छुआरे के लड्डू अपने स्वाद, पोषण और पारंपरिक निर्माण विधि के लिए जाने जाते हैं। यह उत्पाद स्थानीय महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों के लिए आजीविका का बड़ा अवसर बन सकता है। जीआई टैग मिलने पर इन लड्डुओं की ब्रांडिंग, पैकेजिंग, ई-मार्केटिंग और बिक्री में कई गुना वृद्धि की उम्मीद है।
जिला प्रशासन का मानना है कि यह पहल ग्रामीण स्तर पर महिला उद्यमिता और छोटे उद्योगों को सशक्त बनाएगी। बागपत के पहले से जीआई टैग प्राप्त उत्पाद — गुड़, होम फर्निशिंग और रटौल आम — पहले ही जिले की कृषि, हस्तशिल्प और स्वाद की विशिष्ट पहचान को नई ऊंचाई दे चुके हैं। विशेष रूप से रटौल आम की विदेशी बाजारों में मांग ने बागपत की प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत किया है।