वारदात

जनप्रतिनिधियों की ‘कोरी राजनीति’ का नतीजा है ध्वस्तीकरण : आशु शर्

सरकार चाहे तो अभी भी बचे हुए प्रतिष्ठानों का भूउपयोग परिवर्तित कर रोक सकती है ध्वस्तीकरण

मेरठ (एनएफटी रिपोटर्र)। पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल की बैठक प्रदेश कार्यालय पर हुई, जिसमें सेंट्रल मार्केट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुए व्यापारी प्रतिष्ठानों के ध्वस्तीकरण पर चिंता व्यक्त की गई। प्रदेश अध्यक्ष पं. आशु शर्मा ने कहा कि आज सेंट्रल मार्केट का ध्वस्तीकरण प्रदेश सरकार और जनपद के जनप्रतिनिधियों की व्यापारी विरोधी मानसिकता दर्शाता है। सेंट्रल मार्किट का ध्वस्तीकरण जहां पर व्यापारी 35-40 साल से अपना व्यापार कर रहे हैं। टैक्स जमा करके जीएसटी देकर इनकम टैक्स पे कर कर रहे थे। कुछ सरकारी व्यापारी संगठन, जो सत्ताधारी पार्टी तथा सरकार से जुड़कर काम करते हैं। वह व्यापारी नेता भी सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों के साथ कोरी राजनीति करते रहे तथा वहां के व्यापारियों को झूठा आश्वासन देते रहे।

व्यापारियों को इस तरह के संगठन और नेताओं को पहचानने की आवश्यकता है। मेरठ जनपद के जनप्रतिनिधि अगर प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने में सफल होते तो आज सेंट्रल मार्केट की दुकानें बच सकती थी। सेंट्रल मार्केट के व्यापारी लगातार भू परिवर्तन तथा शमन देकर अपनी दुकानों को बचाने की गुहार जनप्रतिनिधियों व सरकार के नुमाइंदों से करते रहे। अगर मेरठ जनपद के जनप्रतिनिधि सरकार के ऊपर दबाव बनाकर भू परिवर्तन करा देते तो आज सेंट्रल मार्केट सुरक्षित होती। अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करवाया, परंतु प्रदेश सरकार चाहती तो भू परिवर्तन कर व्यापारियों को लाभ दे सकती थी। पं. आशु शर्मा ने कहा के अभी भी समय है। अगर प्रदेश सरकार शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्टके के व्यापारियों को बचाना चाहती है तो भू उपयोग परिवर्तन कर शेष बचे व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को ध्वस्तीकरण से बचा सकती है। इस दौरान मुख्य रूप से सुमेर सिंह धार, पीयूष वसिष्ठ, हाजी सारिक, विजय ओबेरॉय, विजय राठी, सरदार मंजीत सिंह कोछड, सनी गुप्ता, आदेश अग्रवाल मौजूद रहे।