भारत में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) अक्टूबर माह में रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि सितंबर में यह दर 1.44 प्रतिशत थी। यह मौजूदा सीपीआई (CPI - उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) श्रृंखला में अब तक दर्ज की गई सबसे कम महंगाई दर है। यह जानकारी सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों में दी गई।
आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर अक्टूबर में -0.25 प्रतिशत रही, जबकि सितंबर में यह 1.07 प्रतिशत थी। वहीं, शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर 0.88 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सितंबर के 1.83 प्रतिशत की तुलना में कम है। खाद्य महंगाई दर (Food Inflation) अक्टूबर में -5.02 प्रतिशत रही, जो यह दर्शाता है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में सालाना आधार पर गिरावट आई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दर -4.85 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में -5.18 प्रतिशत दर्ज की गई। मंत्रालय ने बताया कि हेडलाइन महंगाई दर और खाद्य महंगाई दर में कमी का प्रमुख कारण जीएसटी दरों में कटौती, तेल, सब्जियों, फलों, अंडों, फुटवियर, अनाज और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में कीमतों की गिरावट है।
अक्टूबर माह में ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन सेक्टर में महंगाई दर 0.94 प्रतिशत रही, जबकि सितंबर में यह 1.82 प्रतिशत थी। वहीं, फ्यूल एवं लाइट श्रेणी में महंगाई दर अक्टूबर में 1.98 प्रतिशत रही, जो सितंबर में भी 1.98 प्रतिशत पर स्थिर रही थी।
केंद्रीय बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा के बाद वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है, जो अगस्त एमपीसी बैठक में 3.1 प्रतिशत था। आरबीआई ने वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए अनुमान को 2.1% से घटाकर 1.8%, तीसरी तिमाही के लिए 3.1% से घटाकर 1.8%, और चौथी तिमाही के लिए 4% तय किया है। वहीं, वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.5% रहने का अनुमान जताया गया है।