वारदात

एफडीआई बढ़ाने को बढ़ाएं संवाद, तेज करें प्रयास : योगी

सितंबर 2025 तक की अवधि में 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश में विदेशी निवेश को नई रफ्तार देने के लिए चल रहे प्रयासों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उत्तर प्रदेश अब केवल निवेश की संभावना वाला नहीं, बल्कि निवेश के भरोसे का राज्य बन चुका है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर निवेशक के साथ सतत संवाद बना रहना चाहिए और किसी भी स्तर पर देरी की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।

योगी ने कहा कि “स्पीड, स्टेबिलिटी और सपोर्ट — यही नए उत्तर प्रदेश की पहचान होनी चाहिए।” उन्होंने जोर दिया कि निवेशक यह महसूस करें कि उत्तर प्रदेश न केवल अवसरों की भूमि है बल्कि भरोसे का पर्याय भी है।

बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के सितंबर 2025 तक राज्य को 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही अक्टूबर 2019 से अब तक राज्य का कुल संचयी विदेशी निवेश 2,754 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। चालू अवधि में प्रदेश को 5,963 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्रवाह मिला है, जो पिछले वर्षों की तुलना में तेज वृद्धि को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि एफडीआई-एफसीआई-फॉर्च्यून 500 नीति-2023 के अंतर्गत अब तक 11 निवेश आवेदकों से 13,610 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं। इसके अलावा 22 आवेदनों के माध्यम से 17,810 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और 56,000 करोड़ रुपये के निवेश से जुड़े 29 आवेदन पाइपलाइन में हैं।

जापान, अमेरिका, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड और सिंगापुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख निवेश साझेदार बने हुए हैं। साथ ही, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर और खाड़ी देशों के लिए बनाए गए विदेशी देश डेस्क लगातार सक्रिय हैं।

दूतावासों, उच्चायोगों और व्यापार संघों से निरंतर संवाद चल रहा है। निवेशकों के साथ 100 से अधिक वन-टू-वन बैठकें की जा चुकी हैं। जापान व्यापार संगठन और सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य मंडल के साथ होने वाले समझौते निवेश के ठोस अवसरों में बदले जा रहे हैं।

खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) सेक्टर डेस्क की समीक्षा में बताया गया कि दिल्ली, नोएडा, मुंबई, लखनऊ और कानपुर में अब तक 6 गोलमेज बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 83 कंपनियों के साथ सीधा संवाद हुआ और लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव सामने आए।

इन बैठकों में सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण क्षेत्र में निवेशकों ने सबसे अधिक रुचि दिखाई। वहीं, बैंकिंग, वित्त, बीमा, फार्मा, लाइफ साइंस, मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र को भी उच्च संभावनायुक्त बताया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ललितपुर फार्मा पार्क से जुड़े अवसंरचना कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कई बड़ी दवा कंपनियों ने यहां निवेश में रुचि दिखाई है, इसलिए उनसे निरंतर संवाद बनाए रखा जाए और भूमि, बिजली, पानी जैसी आवश्यक सुविधाएं समय पर सुनिश्चित की जाएं।