उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सुशासन के अपने मॉडल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तेजी से उन्नत तकनीकों (Advanced Technologies) को माध्यम बना रही है। कानून व्यवस्था को मजबूत करने और न्याय प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाने के लिए सरकारी तंत्र में डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित समाधानों का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य अपराध नियंत्रण से लेकर न्याय की प्रक्रिया तक दक्षता और पारदर्शिता में वृद्धि करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (Forensic Science Lab) के उद्घाटन के दौरान कहा था —
“अब प्रदेश में अपराधी के बचने का कोई रास्ता नहीं बचेगा। फोरेंसिक जांच अपराध की कड़ी को मिनटों में उजागर कर देगी और हर गंभीर मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य निर्णायक भूमिका निभाएंगे।”
🔹 त्रिनेत्र 2.0 से अपराध नियंत्रण में तकनीकी क्रांति
राज्य पुलिस प्रणाली को स्मार्ट और सक्षम बनाने के लिए सरकार ने ‘त्रिनेत्र 2.0’ नामक एक उन्नत AI-सक्षम डिजिटल डेटाबेस सिस्टम तैयार किया है।
यह प्लेटफ़ॉर्म पुलिस रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित और व्यवस्थित करता है तथा अपराधियों की पहचान और उनके इतिहास को तेज़ी और सटीकता से समझने में मदद करता है।
त्रिनेत्र में फेशियल रिकग्निशन, वॉइस आइडेंटिफिकेशन और टेक्स्ट-बेस्ड क्वेरी जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। इससे संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान में काफी आसानी हुई है और अपराध जांच की गति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
जुलाई 2023 में शुरू हुआ ऑपरेशन त्रिनेत्र अब प्रदेश के हर जिले में सक्रिय है। इसके तहत प्रमुख चौराहों, संवेदनशील इलाकों, बैंकों, स्कूलों, कॉलेजों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थलों और पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।
2025 की शुरुआत तक 11,07,782 सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जा चुकी है। परिणामस्वरूप, त्रिनेत्र के माध्यम से डकैती, लूट और अन्य गंभीर अपराधों की 5,718 घटनाओं का सफल अनावरण किया गया है।
🔹 जेल प्रशासन में एआई की एंट्री — अब हर गतिविधि पर रियल टाइम नजर
योगी सरकार ने जेल प्रशासन को स्मार्ट बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है। राज्य की जेलों में अब एआई-पावर्ड वीडियो एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म लागू किया गया है।
यह सिस्टम बंदियों की गतिविधियों पर रियल टाइम निगरानी रखता है और किसी भी संदिग्ध हरकत या संभावित जोखिम की तुरंत पहचान करता है। इससे जेल सुरक्षा में भारी सुधार आया है।
वरिष्ठ अधिकारी अब विभिन्न जेलों की स्थिति को रियल टाइम में मॉनिटर कर सकते हैं और आवश्यक निर्देश तुरंत जारी कर सकते हैं।
🔹 फोरेंसिक साइंस लैब से जांच में वैज्ञानिक मजबूती
गोरखपुर फोरेंसिक साइंस लैब के उन्नयन के बाद राज्य की जांच एजेंसियों की वैज्ञानिक जांच क्षमता में उल्लेखनीय विकास हुआ है। अब अपराध की जांच न केवल तेज़ हुई है, बल्कि साक्ष्य भी अधिक सटीक और न्यायिक रूप से मजबूत हुए हैं।
योगी सरकार का यह प्रयास कानून व्यवस्था को टेक्नोलॉजी-ड्रिवन बनाकर उत्तर प्रदेश को एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण राज्य में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।