उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधुनिक
भारत के शिल्पकार, भारत रत्न लौहपुरुष
सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि
पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम ने उनकी
प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी की। सीएम योगी ने
सरदार पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्वपर
प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि
जम्मू-कश्मीर रियासत कहां शामिल हो,
इसे लेकर असमंजस की स्थिति थी, तब
जवाहर लाल नेहरू ने कहा कि मैं पहल
करूंगा। जम्मू-कश्मीर पं. नेहरू के हाथों
में था, लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर को
इतना विवादित करने का कार्य किया कि
आजादी के बाद से वह लगातार भारत को
डसता रहा।
नेहरू के कारण उसी कश्मीर से
देश को उग्रवाद, अलगाववाद प्राप्त हुआ
था। देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी
है, जिन्होंने लौहपुरुष और डॉ. श्यामा
प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार करते
हुए धारा-370 को समाप्त कर कश्मीर को
भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए
एक देश में एक प्रधान, एक विधान और
एक निशान के संकल्प को आगे बढ़ाया।
सीएम योगी ने कहा कि गृहमंत्री के रूप
में भारत में सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार,
तमाम विवादों के समाधान के लिए तंत्र
विकसित करने और भारत की प्रशासनिक
सेवा को वर्तमान स्वरूप देने का कार्य भी
लौहपुरुष के कारण हो पाया।
सरदार पटेल
का यशस्वी नेतृत्व और लंबे समय तक
प्राप्त होता, लेकिन देश का दुर्भाग्य रहा कि
15 दिसंबर 1950 को उनका नश्वर शरीर
जवाब दे गया। उनकी स्मृतियां, देश के
प्रति उनकी सेवाएं व योगदान हम सबके
लिए चिरस्मरणीय अध्याय बन गया।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का यशस्वी
नेतृत्व और लंबे समय तक प्राप्त होता,
लेकिन देश का दुर्भाग्य रहा कि 15 दिसंबर
1950 को उनका नश्वर शरीर जवाब दे
गया। उनकी स्मृतियां, देश के प्रति सेवाएं
व योगदान चिरस्मरणीय अध्याय बन गए।
देश वर्तमान भारत के शिल्पी के रूप में
सदैव लौहपुरुष का स्मरण करेगा।
सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल
ने आजादी के आंदोलन को नेतृत्व दिया।
कई बार जेल की यातनाएं सहीं, लेकिन
आजादी के आंदोलन से विचलित नहीं
हुए। देश जब आजाद हो रहा था, उस
समय उन्होंने पुरजोर तरीके से भारत के
विभाजन का विरोध किया। उन्होंने 567
रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा
बनाया। देश वर्तमान भारत के शिल्पी के
रूप में सदैव लौहपुरुष का स्मरण करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जूनागढ़ का
नवाब व हैदराबाद का निजाम भारत
गणराज्य में शामिल नहीं होना चाहते थे।
जब देश आजाद हो रहा था, तब अंग्रेजों ने
टू-नेशन थ्योरी को लागूकिया और देसी
रियासतों को स्वतंत्रता दी कि वे चाहें तो
भारत गणराज्य में शामिल हों, पाकिस्तान
में शामिल हों या स्वतंत्र अस्तित्व बनाए
रखें। सभीहिंद रूियासतों ने भारत का हिस्सा
बनने पर सहमति दी, लेकिन जूनागढ़ के
नवाब और हैदराबाद के निजाम ने मना
कर दिया। सरदार पटेल की सूझबूझ के
परिणामस्वरूप उनके रक्तहीन क्रांति के
माध्यम से दोनों रिसायतें भारत का हिस्सा
बनीं। जूनागढ़ के नवाब और हैदराबाद के
निजाम को देश छोड़कर भागना पड़ा।