गाजीपुर (एजेंसी)। मध्य प्रदेश के इंदौर से हनीमून मनाने के लिए मेघालय पहुंचे एक जोड़े के लापता होने का मामला चर्चा में था। 23 मई को जब यह जोड़ा लापता हुआ, तब माना जा रहा था कि मेघालय के सोहरा क्षेत्र में घने जंगलों और कम आबादी की वजह से पति-पत्नी की खोज-खबर नहीं मिल पा रही है। इसके बाद मामला उलझता चला गया। लापता युवक का शव दो जून (सोमवार) को 150 फीट गहरी खाई में मिला था। युवक की पत्नी ने 17 दिन बाद उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आत्मसमर्पण किया। 18 दिन से मामले की जांच में जुटी मेघालय पुलिस ने आखिरकार गुत्थी को सुलझा लिया।
पुलिस ने सोमवार को खुलासा किया कि राजा रघुवंशी की हत्या मेघालय में हनीमून के दौरान उनकी पत्नी द्वारा किराए पर बुलाए गए लोगों ने ही की थी। डीजीपी आई नोंग्रांग ने बताया कि पत्नी सोनम ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि तीन अन्य हमलावरों को रात भर की छापेमारी में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा, ‘एक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश से पकड़ा गया, जबकि दो अन्य आरोपियों को एसआईटी ने इंदौर से पकड़ा।’ उन्होंने कहा, ‘सोनम ने उत्तर प्रदेश के नंदगंज पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।’
इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की शिलॉन्ग में हत्या के आरोप में उनकी पत्नी सोनम और 5 संदिग्धों को पकड़ा गया है। सोनम रविवार देर रात 3 बजे यूपी के गाजीपुर के एक ढाबे पहुंची थी। ढाबा संचालक ने पुलिस को सूचना दी। बाकी 5 आरोपियों को मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के साथ अलग-अलग जगह रात भर डाली गईं रेड में पकड़ा गया। एमपी के बीना से आनंद को, इंदौर से राज कुशवाहा, विशाल ठाकुर, आकाश राजपूत और उत्तरप्रदेश के ललितपुर से आकाश लोधी को हिरासत में लिया गया।
मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी के भाई गोविंद और उनके मामा गाजीपुर पहुंचे। मीडिया ने बयान लेने के लिए उन्हें घेर लिया। गोविंद ने हाथ जोड़ लिए। कहा, जब सोनम ने मुझे फोन किया, तो मैं भावुक हो गया, और बाद में पुलिस को सूचना दी। जब तक मैं उससे (सोनम) नहीं मिल जाता, मैं कुछ नहीं कह सकता। पिछले 72 घंटों से मैं जाग रहा हूं।
इंदौर के राजा रघुवंशी पर दो बार धारदार हथियार से हमला किया गया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट के निशान मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार राजा के सिर पर एक वार सामने से और एक पीछे से किया गया था। जिससे साफ है कि हत्या सुनियोजित थी और नजदीक से की गई थी। यह हथियार पुलिस ने 3 जून को जब्त कर लिया था। मेघालय पुलिस ने कहा था कि यह पेड़ काटने का हथियार है और बिल्कुल नया है। इसे देखकर लग रहा है कि यह हत्या करने के लिए ही खरीदा गया था।