नई दिल्ली/भोपाल/जयपुर/लखनऊ
(एजेंसी)। उत्तराखंड में तेज बारिश को
देखते हुए चारधाम यात्रा को अस्थाई रूप
से रोक दिया गया है। CM पुष्कर सिंह
धामी ने कहा कि जब यात्रा मार्ग श्रद्धालुओं
के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होगा, तभी
आगे यात्रा शुरू की जाएगी। उत्तराखंड में
केदारनाथ मार्ग पर बुधवार रात सोनप्रयाग
के पास लैंडस्लाइड हुई और रास्ता बंद
हो गया। इस दौरान 40 श्रद्धालु फंस गए।
SDRF की टीम मौके पर पहुंची और सभी
को सुरक्षित बाहर निकाला। मौसम विभाग
ने राजस्थान-मध्य प्रदेश समेत 11 राज्यों
में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
राजस्थान में पिछले 4 दिन से बारिश का
दौर जारी है। बुधवार को भारी बारिश के
बाद अजमेर शरीफ दरगाह परिसर में 2
फीट पानी भर गया।
वहीं, भारी बारिश के दौरान दरगाह
परिसर में बने बरामदे की छत का एक
हिस्सा भी ढह गया। हालांकि, इस दौरान
किसी को चोट नहीं आई। दरगाह कमेटी
ने उस हिस्से में लोगो की आवाजाही बंद
कर दी है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में
बादल फटने और बाढ़ से मरने वालों की
संख्या बढ़कर 13 हो गई है। अब भी 29
लोग लापता हैं। गुरुवार को 2 और शव
मिले।
खराब मौसम के चलते राहत कार्य
में दिक्कत आ सकती है, क्योंकि मौसम
विभाग ने कई जिलों में बाढ़ का अलर्ट
जारी किया है। उत्तराखंड के डाकपत्थर में
गुरुवार को एसडीआरएफ टीम को सूचना
मिली कि बढ़वाला साधना केंद्र आश्रम के
पास नदी में कुछ मजदूर फंसे हुए हैं।सूचना
मिलते ही एसडीआरएफ की टीम तत्काल
घटना स्थल के लिए रवाना हुई और फंसे
हुए मजदूरों को बाहर निकाला।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से हुई
तबाही में मरने वालों की संख्या 19 हो गई
है। मंडी जिले में लापता लोग 34 से बढ़कर
56 हो गए हैं। इनमें सर्वाधिक 46 लोग
सराज क्षेत्र के हैं। थुनाग में आठ, गोहर
में छह लोगों की मौत, करसोग में एक की
मौत, कांगड़ा में दो, नादौन और जोगिंद्रनगर
में एक-एक जान गई है।
370 लोगों को रेस्क्यूकिया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी
के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने
के बाद रेस्क्यू और आपदा राहत के लिए
वायुसेना की मदद मांगी है। सराज के थुनाग
में 16, पखरैर में 18, जरोल में 7, चिऊणी
में 4 और पांडवशीला में एक व्यक्ति लापता
है।
गोहर उपमंडल के स्यांज और बाड़ा
परवाड़ा में छह लोगों की मौत हुई हैं जबकि
आठ लापता हैं। करसोग उपमंडल में एक
की मौत हुई है। जबकि दो लोग लापता हैं।
बादल फटने और भूस्खलन के चलते
थुनाग और जंजैहली उपमंडल में सड़कें
ध्वस्त हो गई हैं। कई क्षेत्रों में एनडीआरएफ,
एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत
एवं बचाव कार्यों में लगी हैं।