उदयपुर (एजेंसी)। उदयपुर की खूबसूरत वादियों और झीलों में सोमवार दोपहर उस वक्त चीख-पुकार गूंजने लगी, जब फतेह सागर झील में सैलानियों से भरी एक नाव अचानक पलट गई। वो नाव जो झील की लहरों पर मस्ती से तैर रही थी, चंद ही पलों में डर और दहशत का सबब बन गई। नाव में कुल 24 पर्यटक सवार थे। झील की सैर उनके लिए एक यादगार लम्हा बनना थी… लेकिन पल भर में ज़िंदगी और मौत के बीच झूलता एक भयानक मंजर बन गई।
चश्मदीदों के मुताबिक नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। झील की लहरों और अचानक हुए संतुलन बिगड़ने से नाव एक ओर झुकी और फिर पूरी तरह पलट गई। नाव के पलटते ही पानी में गिरते पर्यटकों की चीखें झील की लहरों से टकराने लगीं। घटना की सूचना मिलते ही आसपास मौजूद गोताखोरों और झील सुरक्षा कर्मियों ने बिना वक्त गंवाए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। उदयपुर प्रशासन और पुलिस की टीम भी कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गई।
रेस्क्यू में स्थानीय युवाओं ने भी अहम भूमिका निभाई। झील में कूदकर उन्होंने कई पर्यटकों की जान बचाई। क़िस्मत से हादसा सिर्फ डर और सबक़ तक सीमित रहा। सभी 24 पर्यटक सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए। किसी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन झील के किनारे देर तक सिहरन और सन्नाटा बना रहा। प्रशासन की सतर्कता, लेकिन लापरवाही का सवाल भी
प्रशासन की ओर से झील में नाव संचालन को लेकर नियम तय हैं, मगर इस हादसे ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या नाव संचालक सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं? प्राथमिक जांच में सामने आया कि नाव में तय सीमा से ज़्यादा लोग सवार थे, जिससे संतुलन बिगड़ा। अब प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहा है और नाव संचालन करने वाली एजेंसी पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। झील में डूबते-उबरते चेहरों पर खौफ भी था और उम्मीद भी। एक बच्चा जब पानी से बाहर आया तो रोते हुए अपनी मां से लिपट गया। एक बुजुर्ग पर्यटक ने पानी से निकलते ही भगवान का शुक्रिया अदा किया। यह सिर्फ एक हादसा नहीं था – ये एक इशारा था… कि कुदरत की गोद में भी सावधानी सबसे बड़ा सहारा है।