मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार
ने सड़क सुरक्षा, आधुनिक परिवहन
ढांचे और तकनीकी सुदृढ़ीकरण को गति
देने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं।
यूपी परिवहन विभाग और यातायात
निदेशालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26
के लिए की कई महत्त्वपूर्ण पूंजीगत एवं
राजस्व योजनाओं के प्रस्ताव को मुख्य
सचिव की बैठक में स्वीकृति मिली है।
इन योजनाओं के तहत अत्याधुनिक
इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट डिवाइसेस,
सीसीटीवी नेटवर्क का विस्तार, बीटीटीई
इकाइयों के लिए उपकरण, के-इन-मोशन
सेंसर, इंटरसेप्टर वाहनों की खरीद और
यातायात जागरूकता को बढ़ावा देने वाली
गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया गया
है। यूपी परिवहन विभाग और यातायात
निदेशालय की ओर से सड़क सुरक्षा को
बढ़ावा देने और दुर्घटनाओं में कमी लाने
के उद्देश्य से वर्ष 2025-26 के लिए मुख्य
सचिव की बैठक में जरूरी प्रस्तावों को
स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत
राजधानी, लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर
सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के लिए
4.96 करोड़ रुपये की राशि को स्वीकृति
दी गई है। साथ ही मुरादाबाद और बलिया
जनपद में प्रमुख चौराहों पर इंटीग्रेटेड
सीसीटीवी इंस्टालेशन के लिए लगभग
3.10 करोड़ रुपए की राशि को स्वीकृतिदी
गई है।
इसके साथ ही बीटीटीई ईकाइयों के
लिए ट्रक सिमुलेटर और अन्य तकनीकी
उपकरणों की खरीद के लिए 1.28 करोड़
रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा
बीटीटीई हांसी इकाई के लिए वाहन खरीद
को भी मंजूरी मिली है।
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में सड़क
दुर्घटना में कमी लाने के उद्देश्य से राज्य के
25 हाई-रिस्क वाले जिलों में डीआरएससी
के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट
डिवाइस लगाने की योजना तेजगति से
आगे बढ़ाई जा रही है। परिवहन विभाग
और यातायात निदेशालय की ओर से हाईरिस्क वाले जिलों में 1करोड़ प्रति जनपद
कीदर से 25 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत
की गई है। साथ हीशेष जनपदों के लिए 50
लाख रुपए प्रति जिले कीदर से अतिरिक्त
25 करोड़ रुपये की राशि को भी मंजूरीदी
गई है।
समीक्षा बैठक में परिवहन विभाग
के संबंधित अधिकारी ने बताया कि वर्ष
2024-25 में इंटरसेप्टर वाहनों एवं अन्य
उपकरणों के लिए 19.95 करोड़ रुपए
स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से लगभग
17.15 करोड़ रुपए से 70 इंटरसेप्टर
वाहनों की खरीद की जा चुकी है। साथ
ही उन्होंने बताया कि 18 के-इन-मोशन
सेंसरों के लिए 14.05 करोड़ रुपए स्वीकृत
किए जा चुके हैं।
विभाग ने सेंसरों को
अधिक प्रभावी बनाने हेतु प्लेटफार्म और
अतिरिक्त संरचना निर्माण के लिए भी नए
प्रस्ताव भेजे हैं।
प्रदेश में सड़क सुरक्षा जागरूकता
बढ़ाने के लिए यातायात नियमों के प्रचारप्रसार, ई-चालान प्रणाली, साइनेज बोर्ड,
इंटरनेट सेवाएं, उपकरणों की मरम्मत,
मोबाइल रिचार्ज और अभियानों के
संचालन के लिए 2.10 करोड़ से अधिक
की राजस्व योजनओं को मंजूरी मिली है।
इसके साथ ही यातायात निदेशालय द्वारा
25 करोड़ रुपये की लागत से 4,500
आयरन बैरियर, 4,525 फोल्डिंग
बैरियर, 7,200 सेफ्टी हेलमेट, 8,000
फ्लोरोसेन्ट जैकेट, 270 ब्रेथ एनालाइजर,
85 स्पीड लेजर गन, 15 चार-पहिया एवं
62 दो-पहिया इंटरसेप्टर वाहनों की खरीद
भी की जाएगी।
इसमें सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने
वाले अन्य जरूरी आधुनिक उपकरणों की
खरीद भीशामिल हैं। यूपी परिवहन विभाग
और यातायात निदेशालय प्रदेश में सड़क
सुरक्षा में आधुनिक तकनीक का उपयोग
और यातायात प्रबंधन को अत्याधुनिक
बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
जो प्रदेश में सड़क दुर्घटना के मामलों में
उल्लेखनीय कमी लाने के साथ, लोगों को
सुरक्षित परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध
करवाएगा।