नई दिल्ली (एजेंसी) । भारत में थोक
मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई या
थोक महंगाई दर अप्रैल में कम होकर 13
महीनों के निचले स्तर 0.85 प्रतिशत पर
आ गई ह, जो कि मार्च में 2.05 प्रतिशत पर
थी। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग
मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई। थोक
महंगाई दर में कमी की वजह खाद्य उत्पादों
की कीमतों में कमी आना है। अप्रैल में
खाद्य उत्पादों पर थोक महंगाई दर कम
होकर 2.55 प्रतिशत रह गई है, जो कि
मार्च में 4.66 प्रतिशत पर थी।
सरकार ने बताया कि अप्रैल में थोक
महंगाई दर सकारात्मक रहने की वजह
खाद्य उत्पादों, केमिकल और केमिकल
उत्पादों, ट्रांसपोर्ट उपकरणों और अन्य
मशीनों की मैन्युफैक्चरिंग की कीमत में
बढ़ोतरी होना है।
मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों में महंगाई दर
बढ़कर 2.62 प्रतिशत हो गई है।
फ्यूल एंड
पावर और प्राथमिक उत्पादों में महंगाई दर
गिरकर 2.18 प्रतिशत और 1.44 प्रतिशत
रह गई है। थोक महंगाई दर में कमी ऐसे
समय पर देखने को मिली है, जब खुदरा
महंगाई दर कई सालों के न्यूनतम स्तर
पर पहुंच गई है। सरकार द्वारा मंगलवार
को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक,
अप्रैल में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.16
प्रतिशत हो गई है, जो कि मार्च में 3.34
प्रतिशत थी। यह खुदरा महंगाई दर का
जुलाई 2019 के बाद सबसे निचला स्तर
है। यह लगातार तीसरा महीना था, जब
खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक
(आरबीआई) के महंगाई के टारगेट 4
प्रतिशत के नीचे रही है।महंगाई में कमी
आने से आरबीआई के पास आने वाले
समय में रेपो रेट में कमी करने के लिए
पर्याप्त जगह होगी। इससे पहले महंगाई में
लगातार कमी आने के कारण केंद्रीय बैंक
फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 25-25
आधार अंक की कटौती कर चुका है,
जिसके कारण रेपो रेट कम होकर 6
प्रतिशत पर आ गया है।