मेरठ (एनएफटी रिपोर्टर)। 4 से 6
जुलाई तक रैडिसन ब्लू गाजियाबाद
में वर्ल्ड ब्रांकों पल्मोनरी कांफ्स का रें
आयोजन हुआ, जिसमें देश भर से 1200
से अधिक छाती व सांस रोग विशेषज्ञों एवं
क्रिटिकल केयर एक्स्पर्स ने भाग लिया।
इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में विश्व के
16 विशिष्ट अतिथि चिकित्सक भी
सम्मिलित हुए, जिन्होंने विभिन्न विषयों
पर अपने व्याख्यान व अनुभव साझा
किए। सम्मेलन में 12 कार्यशालाओं का
आयोजन भी ग़ाज़ियाबाद के विभिन्न
प्रमुख अस्पतालों में किया गया, जिनमें
प्रमुख हैं ब्रांकोस्कोपी, थोरकोस्कोपी,
मैकेनिकल वेंटिलेटर आदि। उद्घाटन
सत्र में नेशनल मेडिकल कमीशन
एनएमसी के अध्यक्ष डॉ. बी.एन. गंगाधर
तथा नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद
पॉल मुख्य अतिथि के रूप में कांफ्रेंस में
पधारे तथा कांफ्रेंस का उद्घाटन किया।
यह कांफ्रेंस यूएपीएम तथा पाइसेफ
फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में
आयोजित की गई।
इस अवसर पर मुख्य
अतिथियों ने उत्कृष्ट चिकित्सीय व
सामाजिक योगदान के लिए डॉ. वीरोत्तम
तोमर, छाती व सांस रोग विशेषज्ञ को शाल
व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर यूएपीएम के अध्यक्ष
डॉ. महेन्द्रसिंह उदयपुर तथा डॉ. विनोद
जोशी जयपुर मुख्य रूप से उपस्थित रहे,
जिन्होंने डॉ. वीरोत्तम तोमर के चिकित्सा
योगदान को बताते हुए कहा कि डा. तोमर
को देश में एंडो ब्रोंकिएलअल्ट्रा साउंड
(ईबस विधि) के जनक के रूप में जाना
जाता है। उन्होंने डॉ. तोमर के विभिन्न
सामाजिक योगदानों पर प्रकाश डालते
हुए उन्हें यह सम्मान प्राप्त करने पर बधाई
दी। इस अवसर पर कानपुर के छाती व
सांस रोग विभाग के पूर्वविभागाध्यक्ष व
पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. एस.के. कटियार,
डा. एस.एन. गौड़, आईएमए के पूर्व
राष्ट्रीय डॉ. शरद अग्रवाल, डॉ. सर्वेश
टंडन आदि भी उपस्थित थे। कांफ्रेंस का
आयोजन डॉ. आशीष अग्रवाल छाति
व सांस रोग विशेषज्ञ गाजियाबाद तथा
डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल छाती व सास रोग
विशेषज्ञ नोएडा एवं उनकी टीम द्वारा
किया गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस
प्रकार की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की कांफ्रेंस
कि जिम्मेदारी मिलना तथा उसका
सफलतापूर्वक आयोजन करना इस क्षेत्र
की एक ऐतिहासिक एवं बड़ी उपलब्धि
है।