विशेष साक्षात्कार

आधुनिक रेडिएशन तकनीक से होगा यशोदा में अब कैंसर का इलाज

भारत में कैंसर के हर साल 14 लाख से अधिक नए मामलों की पुष्टि होती है।

गाजियाबाद (ब्यूरो)। भारत में कैंसर के हर साल 14 लाख से अधिक नए मामलों की पुष्टि होती है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक स्तन, मुख, फेफड़ों और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे आम हैं, जिनमें जीवनशैली से जुड़ी आदतें और बीमारी की पहचान देर से होनासबसे बड़ी वजहों में से एक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वश्विै क स्तर पर हर छह में से एक मौत कैंसर की वजह से होती है। मीडिया से बात करते हुए डॉ. गगन सैनी (वाइस चेयरमैन और हेड-रेडिएशन एंड ऑन्कोलॉजी) ने बताया कि कैंसर के इन तेजी से बढ़ते मामलों के बीच मरीजों की देखभाल बेहतर करने और जीवित रहने की दर बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक इलाज तकनीकों में निवेश की सख्त जरूरत है।

इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए यशोदा मेडिसिटी ने कैंसर उपचार के क्षेत्र में दो अत्याधुनिक तकनीकों ईथॉसविथ हाइपरसाइट विथ आइडेंटिफाई एसजीआरटी सिस्टम और एज सिस्टम विथ एग्ज़ेकट्रैक डायनामिक की स्थापना की है। इन नई तकनीकों के जुड़ने से राज्य में कैंसर उपचार का परिदृश्य और भी अधिक सशक्त और उन्नत हो गया है। डॉ. गगन सैनी ने कहा, “आज हमारे पास ऐसी तकनीक है, जिससे हम एक नाखून की मोटाई जितने छोटे ट्यूमर का भी बेहद सटीकता से इलाज कर सकते हैं, और इतना ही नहीं, शरीर में उसी स्तर की सूक्ष्म हरकतों को भी ट्रैक कर पाना इस तकनीक के माध्यम से अब संभव है।” कैंसर के इलाज को लेकर अस्पताल के दृष्टिकोण पर बात करते हुए डॉ. उपासना अरोड़ा (मैनेजिंग डायरेक्टर, यशोदा मेडिसिटी) ने कहा, “कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में समय पर पहचान और इलाज पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।