भक्ति

भगवान परशुराम जयंती पर निकली शोभायात्राएं

भगवान परशुराम जन्मोत्सव 2024 के क्रम में मेरठ जनपद के विभिन्न स्थानों से लगभग 20 शोभायात्रा निकाली गई, जिनमें किला परीक्षितगढ़ पुट्ठी, किठौर, खासपुर, मवाना, छोटा मवाना, हसनपुर, रिठानी, गगोल, ब्रह्मपुरी आदि क्षेत्रों से शौर्य दिवस यात्रा निकाली गई।

भगवान परशुराम जन्मोत्सव 2024 के क्रम में मेरठ जनपद के विभिन्न स्थानों से लगभग 20 शोभायात्रा निकाली गई, जिनमें किला परीक्षितगढ़ पुट्ठी, किठौर, खासपुर, मवाना, छोटा मवाना, हसनपुर, रिठानी, गगोल, ब्रह्मपुरी आदि क्षेत्रों से शौर्य दिवस यात्रा निकाली गई। अधिकतम यात्राओं का दशावतार भगवान परशुराम राधा-कृष्ण मंदिर में समापन हुआ। पांचवी विशाल शोर्य यात्रा विश्वविद्यालय से आरंभ होकर तेजगढ़ी चौराहा, शास्त्रीनगर मोड़ नई सड़क, आम्रपाली, गांधी आश्रम चौराहे से होते हुए जादूगर का बाग स्थित दशावतार भगवान परशुराम मंदिर में समापन हुआ, जिसका उद्घाटन राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने किया। शोभा यात्राओं के समापन पर बोलते हुए राकेश गौड़, सच्चिदानंद शर्मा, मुकेश शर्मा ने कहा कि भगवान विष्णु के छठें अवतार भगवान परशुराम भगवान विष्णु जी के एकमात्र अमर अवतार हैं।

महर्षि भृगु जी के पुत्र ऋचिक जी के पुत्र जमदग्नि के पुत्र भगवान परशुराम जी हुए हैं। भगवान परशुराम के बारे में एक मिथ्या प्रचलन है कि उन्होंने धरा को क्षत्रिय विहीन कर दिया था, अपितु भगवान परशुराम जी ने आतताई क्षत्रियों का विनाश किया था। शेष क्षत्रिय को शस्त्र-शास्त्र की दीक्षादेने का भी काम किया था। द्रोणाचार्य, भीष्म पितामह, कर्ण जैसे योद्धाओं को भगवान परशुराम जी ने ही दीक्षा दी थी। इसी के साथ संदीपनी आश्रम में जब भगवान कृष्ण जी दीक्षा ले रहे थे, वहां पर भगवान परशुराम जी पहुंचे तो भगवान कृष्ण ने उन्हें प्रणाम किया। तब भगवान परशुराम जी ने कहा कि लीला रचनी छोड़ी है, अब उस काम को कीजिए जिस काम को करने के लिए धरती पर आए हो। भगवान परशुराम जी की जन्मोत्सव समारोह पर विभिन्न लोगों को सम्माननित किया गया। विभिन्न यात्राओं में मनीष पहलवान, अरविंद शर्मा, अनुज कौशिक, सुभाष शर्मा, गुड्डू गगोल, गौरव भारद्धाज, अश्विनी कौशिक, मुकेश शर्मा, विवेक गौड़, कमलदत्त शर्मा, मनीष शर्मा, रंजन शर्मा आदि ने भाग लिया। दशावतार परशुराम मंदिर के कार्यक्रम की अध्यक्षता मधुमेह शर्मा एवं संचालन राकेश गुर्जर ने किया। माधवपुरम वाली सूर्य यात्रा में सुनील शर्मा, जय भगवान कौशिक, दीपेश शर्मा, माधव शर्मा, विभु सुनील शर्मा, राजेश शर्मा, सुबोध शर्मा, आशीष त्यागी, हर्ष शर्मा, संदीप शर्मा, मोहित स्वामी का योगदान रहा।