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TRAI की सख्त कार्रवाई: स्पैम कॉल्स पर लगेगा ₹10 लाख तक का जुर्माना, टेलीकॉम कंपनियों के लिए नए नियम लागू

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने अनचाहे कॉल्स और मैसेजेस पर नकेल कसने के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत टेलीकॉम कंपनियों पर ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने 12 फरवरी, 2025 को टेलीकॉम कमर्शियल कम्यूनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR), 2018 में संशोधन करते हुए अनचाहे वाणिज्यिक संचार (Unsolicited Commercial Communication - UCC) पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को स्पैम कॉल्स और मैसेजेस से बचाना और टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग को रोकना है।

मुख्य संशोधन:

  1. शिकायत प्रक्रिया में सुधार:

    • अब उपभोक्ता बिना किसी पूर्व पंजीकरण के अनचाहे कॉल्स और मैसेजेस की शिकायत कर सकेंगे।
    • शिकायत दर्ज करने की समय सीमा 3 दिनों से बढ़ाकर 7 दिन कर दी गई है।
    • टेलीकॉम कंपनियों को अपने मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करने के विकल्प प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे।
    • शिकायतों की जांच का समय 30 दिनों से घटाकर 5 दिन कर दिया गया है।
    • कार्रवाई के लिए आवश्यक शिकायतों की संख्या 7 दिनों में 10 से घटाकर 10 दिनों में 5 कर दी गई है।
  2. उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना:

    • प्रत्येक प्रमोशनल मैसेज में अनिवार्य रूप से ऑप्ट-आउट विकल्प शामिल होगा, जिससे उपभोक्ता आसानी से ऐसे मैसेजेस से बाहर निकल सकेंगे।
    • मैसेज हेडर में मानकीकृत पहचानकर्ता होंगे, जैसे:
      • "-P" प्रमोशनल के लिए
      • "-S" सर्विस के लिए
      • "-T" ट्रांजेक्शनल के लिए
      • "-G" सरकारी संदेशों के लिए
    • सरकारी संदेशों के लिए एक अलग श्रेणी बनाई गई है, ताकि उपभोक्ता महत्वपूर्ण सरकारी सूचनाओं को न चूकें।
    • यदि उपभोक्ता ने किसी प्रमोशनल मैसेज से ऑप्ट-आउट किया है, तो 90 दिनों तक उस उपभोक्ता से दोबारा सहमति नहीं मांगी जा सकेगी। हालांकि, उपभोक्ता किसी भी समय ऑप्ट-इन कर सकते हैं।
    • सहमति की वैधता सीमित की गई है, जैसे:
      • चल रहे लेनदेन के लिए सहमति अब केवल 7 दिनों के लिए मान्य होगी।
      • सेवा/लेनदेन संचार के लिए निहित सहमति अब केवल अनुबंध की अवधि के लिए मान्य होगी।
    • ऑटो-डायलर्स और रोबो-कॉल्स के उपयोग को नियंत्रित किया जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशानियों से बचाया जा सके।
  3. स्पैमर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई:

    • पहली बार उल्लंघन करने पर, संबंधित सेंडर की सभी आउटगोइंग सेवाओं को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया जाएगा।
    • पुनः उल्लंघन की स्थिति में, सेंडर के सभी टेलीकॉम संसाधनों को एक वर्ष के लिए डिस्कनेक्ट कर दिया जाएगा और उन्हें सभी एक्सेस प्रोवाइडर्स के साथ ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
    • 10-अंकीय नंबरों का टेलीमार्केटिंग के लिए उपयोग प्रतिबंधित किया गया है:
      • प्रमोशनल कॉल्स: 140 सीरीज का उपयोग अनिवार्य होगा।
      • ट्रांजेक्शनल और सर्विस कॉल्स: 1600 सीरीज का उपयोग अनिवार्य होगा।
    • किसी भी कॉल/मैसेज जो उपभोक्ताओं को धोखा देने का प्रयास करता है, उसे UCC माना जाएगा और त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
  4. एक्सेस प्रोवाइडर्स के लिए सख्त नियम:

    • यदि एक्सेस प्रोवाइडर्स UCC नियमों को लागू करने में विफल रहते हैं, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा:
      • पहली बार: ₹2 लाख
      • दूसरी बार: ₹5 लाख
      • पुनः उल्लंघन: प्रति घटना ₹10 लाख
    • एक्सेस प्रोवाइडर्स सेंडर्स/टेलीमार्केटर्स से सुरक्षा जमा ले सकते हैं, जो उल्लंघन की स्थिति में जब्त कर ली जाएगी।
    • सभी पंजीकृत सेंडर्स और टेलीमार्केटर्स के साथ कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौते करना अनिवार्य होगा, जिसमें उनकी भूमिकाएं, जिम्मेदारियां और उल्लंघन की स्थिति में दंड का उल्लेख होगा।
  5. इकोसिस्टम को मजबूत करना:

    • रियल-टाइम स्पैम डिटेक्शन:

      • टेलीकॉम ऑपरेटर्स को कॉल और