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रोहित-कोहली के संन्यास को चयनकर्ताओं ने इस मुश्किल परिस्थिति को अच्छे से संभाला : वेंगसरकर

रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से अचानक रिटायरमेंट ने सभी को चौंका दिया। भारतीय टीम के दो दिग्गजों का एक साथ संन्यास लेने से बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को आगामी इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम चुनने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

मुंबई (एजेंसी) रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से अचानक रिटायरमेंट ने सभी को चौंका दिया। भारतीय टीम के दो दिग्गजों का एक साथ संन्यास लेने से बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को आगामी इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम चुनने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह तक दावा किया गया कि चयनकर्ताओं ने रोहित को साफ कह दिया था कि वे उन्हें टेस्ट में आगे खेलते हुए नहीं देख रहे हैं। हालांकि, कोहली को वे इंग्लैंड दौरे के लिए चुनना चाहते थे। हालांकि, चयनकर्ताओं ने इस मुश्किल परिस्थिति को अच्छे से संभाला है। भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने भी इसके लिए चयनकर्ताओं की तारीफ की है। हमेशा सुर्खियों में रहने वाली भारतीय क्रिकेट टीम का चयन करना आसान काम नहीं और पिछले कुछ अर्से में कठिन फैसले नहीं लेने के कारण चयन समिति पर कई गंभीर आरोप भी लगे। हालांकि, एक सप्ताह के भीतर ही हालांकि अजित अगरकर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास में अहम भूमिका निभाकर इस धारणा को बदल दिया। निश्चित तौर पर मुख्य कोच गौतम गंभीर को भी इसकी जानकारी रही होगी।

इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से शुरू हो रहे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र से पहले चयनकर्ताओं ने रोहित को अपने फैसले से अवगत करा दिया। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के कोहली के अनुरोध को भी मान लिया। एक साथ दो दिग्गजों के संन्यास को संभालना मुश्किल काम था, लेकिन चयनकर्ताओं ने दूरदर्शिता दिखाई। वेंगसरकर खुद चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगरकर और उनकी टीम को इन दोनों महान खिलाड़ियों के संन्यास से पेशेवर तरीके से निपटने के लिए सराहना मिलनी चाहिए।

हर किसी की अपनी सोच होती है, मैं यह नहीं करता

उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर चयनकर्ताओं को इसका श्रेय मिलना चाहिए। चयन समितियों की तुलना आसान नहीं है। मैं नहीं करना चाहूंगा। हर किसी की अपनी सोच होती है।कोहली और रोहित के दौर से आगे निकलकर चयनकर्ताओं ने शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत जैसे युवाओं पर भरोसा जताया है। गिल अभी तक बड़ी टीमों के खिलाफ खुद को साबित नहीं कर सके हैं। उनका कप्तान और पंत का उपकप्तान बनना तय लग रहा है।

गिल का कप्तान बनना लगभग तय

केएल राहुल अतीत में टेस्ट कप्तान रह चुके हैं, लेकिन चयनकर्ताओं की पसंद गिल हो सकते हैं जो राहुल से आठ साल छोटे हैं। रोहित और कोहली दोनों ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में नाकाम रहे। रोहित ने तो सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर भी कर लिया। सिडनी जैसे हालात के दोहराव से बचने के लिए चयनकर्ताओं ने सही फैसला लिया। दूसरी ओर कोहली ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को नहीं खेल पाए।