देश की शान

मगर अटल होकर अटल बन जाना आसान नहीं होता’ मेरठ (एनएफटी रिपोर्टर)। उत्तर

कविमित्र परिवार द्वारा अटल जी की जयंती पर कवि सम्मेलन का आयोजन

 भारत रत्न, पूर्वप्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर कवि मित्र परिवार के तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ‘मैं अटल हूँ’ का भव्य एवं बुधवार को आइएमए हाल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम काप्रस्तोता AVRO Furniture रहा। पूरा सभागार साहित्य प्रेमियों से खचाखच भरा रहा और राष्ट्रकाव्य की गूंज से वातावरण भाव विभोर हो उठा। कार्यक्रम का शुभारंभ बागपत सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान, मेयर हरिकांत अहलूवालिया, पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष हरवीर पाल, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक विमल शर्मा, भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, कमल दत्त शर्मा ने दीप प्रज्जवलन कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति के मुख्य संरक्षक ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के साथ साहित्य के भी युगपुरुष थे, जिनके विचार आज भी राष्ट्र को दिशा देते हैं।

कवि सम्मेलन का संचालन डॉ. प्रतीक गुप्ता (हास्य एवं व्यंग्य कवि) ने किया, जिनकी सटीक टिप्पणियों और विनोदपूर्ण शैली ने पूरे कार्यक्रम को निरंतर जीवंत बनाए रखा। उन्होंने अपने काव्य पाठ में कहा, सच का साथ निभाना आसान नहीं होता, आँधियों में दीप जलाना आसान नहीं होता, अटल बन जाऊं मैं भी कह देना है आसान, मगर अटल होकर अटल बन जाना आसान नहीं होता। काव्यपाठ की श्रृंखला में दिनेश रघुवंशी (फरीदाबाद) ने ओज और राष्ट्रभाव से भरपूर रचनाओं से श्रोताओं में जोश भर दिया। राजेश चेतन (भिवानी) ने अपनी विचार प्रधान और संवेदनशील कविताओं के माध्यम से समाज और समय की गूढ़ व्याख्या प्रस्तुत की। राज कौशिक (गाजियाबाद) ने वीर रस और समसामयिक विषयों पर आधारित कविताओं से सभागार को तालियों से गुंजायमान कर दिया। धर्मेंद्र सोलंकी (भोपाल) की ओजस्वी रचनाओं में राष्ट्रप्रेम का प्रखर स्वर स्पष्ट रूप से झलका।

हास्य-व्यंग्य के रंग को और गाढ़ा करते हुए दीपक पारिक (भीलवाड़ा) ने अपनी चुटीली रचनाओं से श्रोताओं को हँसाते-हँसाते गहन संदेश भी दिया। शिखा श्रीवास्तव (लखनऊ) ने नारी संवेदना और कोमल भावनाओं से सजी कविताओं के माध्यम से मंच को भावुक कर दिया। कवयित्री कोमल रस्तोगी (मेरठ) ने अपनी सशक्त अभिव्यक्ति और युवा ऊर्जा से विशेष प्रभाव छोड़ा, जबकि कल्याण विशाल (बनारस) की कविताओं में काशी की सांस्कृतिक गहराई और दार्शनिक दृष्टि स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुई। इसके साथ ही गिनीज बुक आफ रिकार्ड्स में विशेष जगह बनाने वाले विकास स्वामी जी (वेट लिफ्टर) को अटल सम्मान से अलंकृत किया गया। कार्यक्रम में अंर्तर्राष्ट्रीय कवियत्री डा. अनामिका जैन अंबर एवं हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सौरभ जैन सुमन भी मौजूद रहे। समिति के सभी मुख्य सदस्य शान्ति स्वरूप गुप्त, डॉ. सुबोध गर्ग, नीरज गुप्ता, संजीव कुमार गुप्ता, अमित कुमार गुप्ता, डॉ. राजीव शेखर, विपुल सिंघल, राजकुमार, सुमित मिश्रा, अंकित अरोड़ा, संयम सिंघल, रोली गोयल, डॉ. शैली गुप्ता, अनुज पाठक, मयंक अग्रवाल, मोहित जैन, संजय सम्राट, योगेश अग्रवाल, अंकुर गोयल, मैचिंग कपल अनुराग गुप्ता– कीर्ति गुप्ता, नवीन अग्रवाल, सतीश चंद जैन सहित बड़ी संख्या में कविता प्रेमी उपस्थित रहे।| हिंदी साहित्य अकादमी के पदाधिकारी उमंग गोयल, नितीश राजपूत, मनमोहन भल्ला, दिव्यांश टंडन, उदिता शर्मा, अमन जैन का विशेष सहयोग रहा | काइट काव्यांजलि के अध्यक्ष गुरमीत सिहं गुनी के साथ उनकी टीम के 7 विधार्थी भी मुख्य सहयोगियों में उपस्थित रहे। कार्यक्रम मोहित जैन की कम्पनी जैन रूरल कम्युनिकेशन द्वारा व्यवस्थित किया गया। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई, डा. मधु बाजपेयी, बीना वाधवा आदि भी मौजूद रहे।