लखनऊ (ब्यूरो) । उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांग
युवाओं के लिए संचालित शैक्षिक संस्थानों
में प्रशासनिक तंत्र को संवेदनशील, सजग
और सतर्क रहने की आवश्यकता पर
बल दिया है। बुधवार को दिव्यांगजन
सशक्तीकरण विभाग की समीक्षा करते
हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अराजक
तत्व सुनियोजित ढंग से दिव्यांगजनों
के विद्यालयों और विश्वविद्यालयों
में भ्रम फैलाकर उन्हें अवांछित और
समाजविरोधी गतिविधियों की ओर प्रवृत्त
करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। ऐसी
प्रवृत्तियों के प्रति हमें पूर्णतः सतर्क रहते
हुए विद्यार्थियों की सुरक्षा और मानसिकसामाजिक संरक्षण सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि इन संस्थानों
में सहायता के नाम पर प्रस्ताव देने वाली
बाहरी संस्थाओं की पृष्ठभूमि की गहन
जांच-पड़ताल के उपरांत ही उनकी
अनुमति दी जाए।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी
बचपन डे केयर सेंटरों, मानसिक मंदित
आश्रय केंद्रों, समेकित विद्यालयों तथा
‘ममता’, ‘स्पर्श’ और ‘संकेत’ विद्यालयों
का व्यापक निरीक्षण किया जाए। यहां
अध्ययनरत बच्चों से संवाद स्थापित कर
उनकी आवश्यकताओं, आकांक्षाओं और
अभिभावकों की अपेक्षाओं को समझते
हुए संस्थागत व्यवस्थाएं और अधिक
सुदृढ़ की जाएं।
इन विद्यालयों में शिक्षकों
के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए और जब
तक नियमित नियुक्ति न हो, तब तक अन्य
वैकल्पिक व्यवस्था से योग्य युवाओं की
सेवाएं ली जाएं। इन युवाओं को भविष्य
की चयन प्रक्रियाओं में वेटेज प्रदान किया
जाना चाहिए।
बैठक में दिव्यांगजन सशक्तीकरण
विभाग और पिछड़ा वर्ग कल्याण
विभाग की योजनाओं, उपलब्धियों तथा
कार्ययोजनाओं की अद्यतन स्थिति से
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। उन्होंने
निर्शिदे त किया कि समस्त कल्याणकारी
योजनाएं पारदर्शी और तकनीकी रूप से
सुसज्जित हों तथा लक्षित लाभार्थियों को
समयबद्ध रूप से लाभ प्रदान करें।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि बीते आठ
वर्षों में विभाग के बजट में दस गुना से
अधिक वृद्धि की गई है, जो दिव्यांगजनों के
प्रति सरकार की संवेदनशील प्रतिबद्धता को
दर्शाती है।
अधिकारियों ने अवगत कराया
कि दिव्यांगजन पेंशन योजना के अंतर्गत
वर्तमान में 11.04 लाख लाभार्थियों को
1,300 करोड़ रुपए की पेंशन राशिवितरित
की गई है, जबकि कुष्ठ रोग पीड़ित लगभग
12 हजार व्यक्तियों को 3 हजार रुपए
प्रतिमाह की दर से सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्यस्तरीय
अभियान चलाकर यह पता लगाया जाए
कि किन पात्र व्यक्तियों को अभी तक
पेंशन नहीं मिल रही है, साथ ही जो अपात्र
लाभ ले रहे हैं, उन्हें भी चिह्नित कर कार्रवाई
सुनिश्चित की जाए।
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि
बीते वित्तीय वर्ष में 35,136 दिव्यांगजनों
को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, ब्रेल किट्स
जैसे सहायक उपकरणों के लिए 28.93
करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।
मोटराइज्ड ट्राइसाइकिलयोजना के अंतर्गत
270 अत्यंत दिव्यांगजन को 2 लाख रुपए
तक की मशीनें उपलब्ध कराई गईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा
चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्रदेश
के लाभार्थियों तक पूरी तत्परता से पहुंचे,
यह सुनिश्चित किया जाए। मोटराइज्ड
ट्राइसाइकिल योजना में सांसदों और
विधायकों से भी अपनी निधि से सहयोग
देने का आग्रह किया जाए।
दिव्यांगजनों को राज्य परिवहन निगम
की बसों में निःशुल्कयात्रा सुविधा उपलब्ध
कराई जा रही है। बैठक में जानकारी दी
गई कि बीते वित्तीय वर्ष में 31 लाख से
अधिक दिव्यांगजनों ने इस सुविधा का
लाभ उठाय