। पाकिस्तान के कब्जे
वाले कश्मीर (पीओके) में विरोध प्रदर्शन इस
बात का स्पष्ट संकेत हैं कि बढ़ते भ्रष्टाचार के
कारण पाकिस्तानी सेना कितनी बुरी तरह चरमरा
रही है।
पाकिस्तानी सेना में भ्रष्टाचार का मुद्दा,
जिसके लिए जनता लड़ रही है, सिर्फ पीओके
तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बलूचिस्तान तक
भी फैला हुआ है।
इंटरनेट सेवा बंद होने और फोन सेवाएं बंद
होने के बावजूद, पीओके में विरोध प्रदर्शनों की
खबरें पूरी दुनिया तक पहुंच गई हैं। पीओके में
पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 2 लोग मारे
गए और 22 अन्य घायल हो गए।
इन जगहों पर विकास जैसे पुराने मुद्देतो हैं ही,
लेकिन भारतीय अधिकारियों का कहना है कि
पाकिस्तान की जनता पाकिस्तानी सेना में व्याप्त
भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है।
सेना में सबसे बड़ी
समस्या है कमीशनखोरी की, चाहे वह हथियारों
के सौदे हों या विकास कार्य।
पाकिस्तानी सेना लंबे समय से बिचौलियों से
निपटने और कमीशन लेने के लिए सेवानिवृत्त
अधिकारियों को नियुक्त करती रही। यह सब
जनता और बाकी दुनिया को दिखाई नहीं देता
था क्योंकि सेवानिवृत्त अधिकारी पर्दे के पीछे से
काम कर रहे थे। इसमें कोई शक नहीं कि सेना
ही पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली संस्था है।
आज, शहबाज शरीफ के रूप में उसके पास एक
कठपुतली है और इसलिए यह गोरखधंधा और
भी आसान हो गया है।