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ललित मोदी ने भारतीय नागरिकता छोड़ी, वानुअतु की नागरिकता ली; विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

ललित मोदी ने भारतीय नागरिकता त्यागकर वानुअतु की नागरिकता ग्रहण की है, जिससे उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया और जटिल हो गई है। विदेश मंत्रालय ने उनके पासपोर्ट समर्पण की पुष्टि की है और कानूनी कार्रवाई जारी रखने का संकेत दिया है।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने भारतीय नागरिकता त्यागकर प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश वानुअतु की नागरिकता ग्रहण की है। यह कदम उनके खिलाफ चल रहे वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

वानुअतु की नागरिकता प्राप्ति अंतर्राष्ट्रीय सूत्रों के अनुसार, ललित मोदी को 30 दिसंबर 2024 को वानुअतु की नागरिकता प्रदान की गई थी। वानुअतु एक छोटा द्वीपीय देश है, जो कर-अनुकूल नीतियों और प्रत्यर्पण संधियों की कमी के लिए जाना जाता है। यह देश निवेश कार्यक्रम के तहत नागरिकता प्रदान करता है, जिसमें आवेदन पर लगभग 1.3 करोड़ रुपये का खर्च आता है।

 भारतीय पासपोर्ट का समर्पण ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस संबंध में कहा, "उन्होंने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है। मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच की जाएगी।"

 

प्रत्यर्पण पर प्रभाव ललित मोदी के वानुअतु की नागरिकता ग्रहण करने से भारत सरकार के लिए उनका प्रत्यर्पण और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। वानुअतु की प्रत्यर्पण संधियों की कमी के कारण, भारतीय एजेंसियों के लिए उन्हें भारत लाना कठिन हो सकता है। यह स्थिति भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के मामले से मिलती-जुलती है, जिन्होंने एंटीगुआ की नागरिकता लेकर भारतीय कानून से बचने का प्रयास किया था।

 

ललित मोदी पर आरोप ललित मोदी पर 2009 में आईपीएल के लिए 425 करोड़ रुपये की टीवी डील में नियमों के उल्लंघन का आरोप है। इसके अलावा, उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के भी आरोप हैं। इन मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनकी जांच कर रहा है। 2010 में भारत छोड़ने के बाद से ललित मोदी मुख्य रूप से लंदन में रह रहे हैं।

 

विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम कानून के तहत उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ा रहे हैं।" यह बयान संकेत देता है कि भारतीय एजेंसियां ललित मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रखेंगी, हालांकि उनकी नई नागरिकता के कारण यह प्रक्रिया और जटिल हो सकती है।

 

  ललित मोदी का वानुअतु की नागरिकता ग्रहण करना और भारतीय पासपोर्ट का समर्पण भारतीय एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत करता है। अब देखना होगा कि भारत सरकार और प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं।