राजकरण

Lateral Entry UPSC : लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक, कार्मिक मंत्री जितेन्द्र सिंह ने UPSC को लिखी चिट्ठी

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती के विज्ञापन पर केंद्र सरकार मंगलवार (20 अगस्त) ने रोक लगा दी है। इस मामले में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC को चिट्ठी लिखी है, जिसमें इससे लेटरल एंट्री से भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने पत्र में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाई गई है। यह आदेश पीएम मोदी के निर्देश देने के बाद ही दी गई है।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती के विज्ञापन पर केंद्र सरकार मंगलवार (20 अगस्त) ने रोक लगा दी है। इस मामले में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC को चिट्ठी लिखी है, जिसमें इससे लेटरल एंट्री से भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने पत्र में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाई गई है। यह आदेश पीएम मोदी के निर्देश देने के बाद ही दी गई है। 

जितेंद्र सिंह ने यह चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद लिखी है। साथ ही केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाई गई है।

बता दें कि,  कुछ दिन पहले ही यूपीएसी ने एक विज्ञापन जारी कर लेटरल भर्ती की बात कही थी। दरअसल, लेटरल एंट्री में किसी भी शख्स को यूपीएसी परीक्षा में बैठने की जरुरत नहीं होती है। सीधे ही उसकी नियुक्ति बड़े पदों पर होती है। इसमें आरक्षण का लाभ किसी एक समुदाय को नहीं मिलता है। लेकिन इसी प्रक्रिया पर बवाल शुरु हुआ और अब पीएम मोदी ने उस पर रोक लगाने का फैसला लिया है।  

दरअसल, UPSC ने शनिवार यानी 17 अगस्त को विभिन्न मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के पदों पर 45 स्पेशलिस्ट नियुक्त करने के लिए भर्ती निकाली थी। इन भर्तियों को लेटरल एंट्री के जरिए किया जाना था। हालांकि, इसे लेकर विपक्ष ने हंगाम खड़ा कर दिया और सरकार के इस कदम को आरक्षण छीनने की व्यवस्था बताया। लेटरल एंट्री के जरिए होने वाली भर्तियों के जरिए प्राइवेट सेक्टर के लोगों को भी बिना मंत्रालयों के प्रमुख पदों पर काम करने का मौका मिलता है।