दिल्ली की राउज
एवेन्यू कोर्ट से सोनिया गांधी और राहुल
गांधी को बड़ी राहत मिली है। अदालत
ने दोनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय
(ईडी) की तरफ से दोनों के खिलाफ
दायर की गई चार्जशीट का संज्ञान लेने से
इनकार कर दिया। ईडी ने दोनों नेताओं
को मनीलॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया
है। आरोपपत्र में सोनिया और राहुल पर
एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड (एजेएल)
के अंतर्गत आने वाली 2000 करोड़ रुपये
की संपत्ति को हड़पने का आरोप था।
कोर्ट ने ईडी को अपनी जांच जारी
रखने की अनुमति दे दी है। स्पष्ट किया
है कि आगे की जांच के लिए ईडी को
स्वतंत्रता है। साथ ही कहा है कि ईडी
का मामला सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर
एक निजी शिकायत और मजिस्ट्रेट के
समन आदेशों पर आधारित है, न कि
किसी प्राथमिकी पर।
हालांकि, एजेंसी
इस मामले से जुड़े तथ्यों और साक्ष्यों को
इकट्ठा करना जारी रख सकती है।
इस मामले में कोर्ट की टिप्पणी आने
के बाद से ही कांग्रेस नेताओं ने इसे
सत्य की जीत करार दे दिया। कांग्रेस
अपने आधिकारिक एक्स खाते से
एक पोस्ट में लिखा, सत्य की जीत हुई
है। (नरेंद्र) मोदी सरकार की बदनीयत
और गैरकानूनी तरीके से की गई कार्रवाई
पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। माननीय
अदालत ने यंग इंडियन मामले में कांग्रेस
नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी के
खिलाफ ईडी की कार्रवाई को अवैध और
दरु्वनभा ासे ग्रसित पाया है। कोर्ट ने फैसला
दिया है कि ईडी का मामला क्षेत्राधिकार
से बाहर है, उसके पास कोई प्राथमिकी
नहीं है जिसके बिना कोई मामला ही नहीं
बनता।
पार्टी ने आगे कहा, मोदी सरकार
द्वारा पिछले एक दशक से मुख्य विपक्षी
दल के खिलाफ, राजनीतिक प्रतिशोध
और बदले की भावना से की जा रही
यह कार्रवाई आज पूरे देश के सामने
बेनकाब हो गई है। धनशोधन का कोई
मामला नहीं, अपराध की कोई आय नहीं
और संपत्ति का कोई हस्तांतरण नहीं, यह
सभी निराधार आरोप जो निम्न स्तर की
राजनीति, द्वेष की भावना और सम्मान
पर हमला करने की भावना से प्रेरित हैं,
आज सब धराशायी हो गए। कांग्रेस पार्टी
और हमारा नेतृत्व सत्य के लिए और हर
भारतीय के अधिकारों के लिए लड़ने के
लिए प्रतिबद्ध है। हमें कोई भी डरा नहीं
सकता, क्योंकि हम सत्य के लिए लड़ते
हैं। सत्यमेव जयते।
देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर
लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को
एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी
एजेएल का गठन किया था। इसका उद्शदे्य
अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों
को प्रकाशित करना था। तब एजेएल के
अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी
में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज
समाचार पत्र प्रकाशित हुए।