उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा
कि 78 वर्ष से पीएसी बल का इतिहास
अनुशासन, शौर्य, त्याग व समर्पण का
रहा है। उन्होंने जवानों से अपील की
कि साहस, अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा,
व्यावसायिक दक्षता व कठिन प्रशिक्षण ही
आपकी पहचान बननी चाहिए। सरकार
आश्वस्त करती है कि आपके सम्मान व
सरकार के स्तर पर मिलने वाली सुविधा-
संसाधन में निरंतर वृद्धि होती रहेगी। उन्होंने
कहा कि यूपी के अंदर आत्मविश्वास का
प्रमुख कारण कानून का राज है। कानून का
राज सुरक्षा के बेहतर माहौल में ही सुशासन
की गारंटी दे सकता है। सुशासन में ही
निवेश सुरक्षित हो सकता है और सुरक्षित
निवेश ही युवाओं की आकांक्षाओं की पूर्ति
का माध्यम बन सकता है। मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने यूपी पीएसी के स्थापना
दिवस समारोह-2025 का शुभारंभ किया।
सीएम ने पीएसी द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का
उद्घाटन व अवलोकन किया।
उन्होंने 78
वर्ष के गौरवशाली इतिहास के लिए पीएसी
बल को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि यूपी में पीएसी बल
आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, आपदा
प्रबंधन, प्रदेश में महत्वपूर्ण त्योहारों,
अतिविशिष्ट महानुभावों के आगमन,
लोकतंत्र के महापर्व ‘चुनाव’ को शांतिपूर्ण
ढंग से सुनिश्चित करने के साथ ही
संवेदनशील परिस्थितियों में अग्रिम मोर्च
पर कार्य करता है। पीएसी के अधिकारी
व कार्मिक विभिन्न आयामों के माध्यम
से न सिर्फ यूपी, बल्कि देश के अंदर
यूपी पीएसी बल, एसएसएफ, यातायात
पुलिस, प्रतिसार निरीक्षक ड्यूटी, प्रशिक्षण
संस्थानों में प्रशिक्षक, एटीएस व एसटीएफ
कमांडो के रूप में सेवाएं प्रदान कर कर्तव्यों
का निर्वहन कर रहे हैं।
सीएम योगी ने पीएसी बल के अदम्य
साहस की चर्चा की। उन्होंने बताया
कि 30वीं वाहिनी पीएसी के जवानों
ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए
आतंकी हमले का जवाब दिया और पांचों
आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया
था। जुलाई 2005 में श्रीराम जन्मभूमि
परिसर अयोध्या में आतंकी हमले के दौरान
सीआरपीएफ, पीएसी और यूपी पुलिस की
संयुक्त टीम ने सभी आतंकियों को मार
गिराया गया था। उन्होंने कहा कि हमारी
सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को
पुनर्जीवित करते हुए यूपी के अंदर बेहतर
कानून व्यवस्था बनाए रखा और आंतरिक
सुरक्षा के माध्यम से यूपी की बेहतर छवि
को देश के सामने प्रस्तुत करने में सफलता
हासिल की। संख्या, क्षमता, प्रशिक्षण और
तकनीक के स्तर पर पीएसी को सशक्त
बनाने का कार्यनिरंतर जारी है।