मेरठ (एनएफटी रिपोर्टर)। सोशल मीडिया एसोसिएशन ने आरकेबी फाउंडेशन और ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएशन (आईना) के सहयोग से रविवार शाम प्रशासन, पत्रकारिता, शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले कर्मयोगियों का सम्मान किया। देशभर में 30 मई को पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम 25 मई को किया गया।
एलेक्जेंडर क्लब में आयोजित इस भव्य कर्मवीर सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे सोशल मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील डांग ने कहा कि पत्रकार का कार्य सवाल उठाना और समाज का मार्ग प्रशस्त करना है। खबरों में विश्वसनीयता से ही समाज में साख और स्वीकार्यता बनती है। पत्रकारों को अपने आत्म सम्मान से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। यदि आप ईमानदारी से अपना कार्य करते रहें, तो समाज में आपके संबंध बड़े लोगों से भी प्रगाढ़ होते चले जाते हैं। ऐसे में आप समाज के आम जरूरतमंद लोगों की मदद भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि खबरों की रफ्तार बढ़ गई है। अब खबरों की दुनिया में भी हाईवे बन गए हैं, पहले यहां केवल “माईवे” होते थे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में लखनऊ से आए राज्य सूचना आयुक्त राजेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का पहला हिंदी अखबार ‘उदंत मार्तंड’ 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ था। इसी कारण हम 30 मई को पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाते हैं। इस बार यह दिन 200 साल पूरे कर रहा है। तब से अब तक पत्रकारिता की दुनिया बहुत बदल चुकी है। प्लेटफॉर्म बदले हैं—अखबार के बाद रेडियो आया, फिर टीवी और उसके बाद इंटरनेट ने सूचना जगत में तहलका मचा दिया। आज पूरी दुनिया एक ‘खबर संसार’ में बदल गई है, जहां पलभर में सूचनाएं पूरी दुनिया में पहुंच जाती हैं। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मेरठ के पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि समय के साथ तकनीक बदलती है और नई तकनीक नई चुनौतियां लेकर आती है। जब हमने बड़े रास्तों की चाह की, तो हाईवे बने। हाईवे बने तो दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ी। लेकिन आप दुर्घटनाओं के डर से चौड़े रास्ते बनाना बंद नहीं कर सकते। इसके समाधान तलाशने होंगे।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉ. एम.के. बंसल ने कहा कि उनका रवि विश्नोई से पचास साल से अधिक का संबंध है। उन्होंने समाज और पत्रकारिता के लिए जो कार्य किए हैं, वे सराहनीय हैं। उनके पुत्र अंकित बिश्नोई भी उनके कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। सुनील डांग भी सोशल मीडिया एसोसिएशन के माध्यम से पत्रकारिता की दिशा में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। लोकतंत्र में कोई भी देश पत्रकारिता के चौथे स्तंभ के बिना प्रगति नहीं कर सकता। एससीएसटी आयोग के सदस्य नरेंद्र खजूरी ने कहा कि समाज को दिशा देने में पत्रकारिता की सदैव विशेष भूमिका रही है। आज के वक्त में भी आम आदमी को इंसाफ दिलाने में पत्रकारों की अहम भूमिका रहती है। आरकेबी फाउंडेशन के चेयरमैन रवि विश्नोई ने कहा कि पत्रकारों को डरना नहीं चाहिए। यदि आपकी कलम में धार है तो सिस्टम आपका लोहा मानेगा। समाज में भी आपकी स्वीकार्यता बढ़ेगी। आलोचना पत्रकार के लिए सम्मान स्वरूप होती है।
अंकित बिश्नोई ने विशेष प्रवर्तन प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति अवार्ड विजेता सरबजीत कपूर ने अतिथियों का स्वागत किया। भाजपा नेता अंकित चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
संयोजक और पूर्व कार्यवाहक सूचना उपनिदेशक सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि आज़ादी के समय भारत में पत्रकारिता की ताकत की तुलना अकबर इलाहाबादी ने तोप से की थी। आज पत्रकारिता की शक्ति को कमजोर करने के प्रयास हो रहे हैं। ऐसे में मीडिया कर्मियों को आज़ादी के दौर की पत्रकारिता से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में कर्मवीरों को पगड़ी और पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। उन्हें तुलसी का पौधा और प्रशस्ति पत्र भी भेंट किए गए। सम्मान की शुरुआत अन्नपूर्णा ट्रस्ट में सेवा कार्य करने वालीं वकीला बेगम से हुई।
सम्मानित प्रतिभाओं में ये रहे शामिल
पुष्पेंद्र शर्मा (पूर्व संपादक, हिंदुस्तान), नीरकांत राही (पूर्व संपादक, अमर उजाला), सलीम अहमद (हिंदुस्तान)
सुशील कुमार (पीटीआई), राजेश शर्मा (सेव इंडिया न्यूज़), डॉ. रविंद्र राणा (पॉलिटिकल अड्डा डॉट कॉम), शरद व्यास (दैनिक जागरण), पूर्व सूचना अधिकारी एवं संपादक अवधेश कुमार, महेंद्र उपाध्याय, (जॉली टाइम्स), शालू अग्रवाल (दैनिक भास्कर), प्रशांत कौशिक, शशांक अवस्थी, पन्ना मोहन शाक्य, पुष्कर कुमार,
आबिद अली (फोटो जर्नलिस्ट), आर.एन. धामा (पूर्व एडिशनल कमिश्नर), शैलेंद्र चौधरी, नईम कुमार, जिला बार एसोसिएशन मेरठ के पूर्व महामंत्री रामकुमार शर्मा, डॉ. वी.के. शर्मा (पूर्व प्राचार्य, बदायूं पीजी कॉलेज),
डॉ. मन मोहिनी आर्य (प्राचार्य, सनातन धर्म डिग्री कॉलेज), एन. पी. सिंह (प्राचार्य, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल), रीता देवी (प्राचार्या, जगदीश शरण कन्या इंटर कॉलेज), कवि डॉ. सुधाकर आशावादी, साहित्यकार निर्मल गुप्ता, कवि ईश्वर चंद गंभीर, विनय नौक, डॉ. शुभम त्यागी, रंगकर्मी भारत भूषण, विनोद बेचैन, करुणा घिल्डियाल, अनिता राणा, हिना रस्तोगी, ज्योति बालियान, वरिष्ठ नागरिक सत्यप्रकाश गोयल, वीरेंद्र सिंह ललसाना, डॉ. प्रदीप शुक्ला, डॉ. ज्योति शुक्ला, एडवोकेट प्रकाश वीर शास्त्री, देवी शरण, नवीन जैन, सुशील कंसल, नितिन गुप्ता, जगमोहन शाकाल आदि।