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Illegal Immigrants पर सख्त हुए Vice President Dhankhar, बोले - समझदार को इशारा काफी!

भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि देश अब और बोझ नहीं झेल सकता। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से उन ताकतों को चेतावनी दी, जो भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं।

नई दिल्ली, 3 फरवरी 2025 – भारत में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या और इससे उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों को लेकर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश अब अवैध घुसपैठियों का बोझ नहीं उठा सकता। उप राष्ट्रपति ने अपने बयान में इशारों ही इशारों में उन ताकतों को निशाना बनाया, जो इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।

उन्होंने कहा, "समझदार को इशारा काफी होता है। भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है।" धनखड़ के इस बयान को देश की मौजूदा राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है।

अवैध प्रवासियों पर क्यों सख्त हुई सरकार?

भारत में बांग्लादेश, म्यांमार (रोहिंग्या), पाकिस्तान और अन्य देशों से अवैध प्रवास एक गंभीर समस्या बन चुका है। सरकार पहले ही कई बार चेतावनी दे चुकी है कि राष्ट्र की सुरक्षा और संसाधनों पर बढ़ते दबाव को हल्के में नहीं लिया जा सकता

विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में अवैध घुसपैठियों की बढ़ती संख्या ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ अवैध प्रवासी आतंकवादी गतिविधियों और संगठित अपराध में भी शामिल हो सकते हैं।

बयान का राजनीतिक असर

धनखड़ के इस बयान से विपक्षी दलों में हलचल मच गई है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और AIMIM जैसी पार्टियों ने इस बयान को ध्रुवीकरण की राजनीति करार दिया है। TMC नेता ममता बनर्जी ने कहा कि "सभी प्रवासियों को अवैध कहना गलत है। यह एक मानवीय मुद्दा है और इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।"

वहीं, भाजपा नेताओं ने उप राष्ट्रपति के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अवैध प्रवासियों को वापस भेजना ही देशहित में होगा। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को जल्द लागू करने की योजना बना रही है ताकि इस समस्या को सुलझाया जा सके।

सरकार की कार्रवाई और भविष्य की योजना

केंद्र सरकार पहले ही कई राज्यों को अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें बाहर निकालने के निर्देश दे चुकी है। हाल ही में, असम और उत्तर प्रदेश में कई अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया और उन्हें उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई।

इसके अलावा, सरकार डिजिटल पहचान प्रणाली को मजबूत करने और फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता लेने वालों की पहचान करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने की योजना बना रही है।

सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट क्या कहती है?

खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवैध प्रवासी सिर्फ आर्थिक कारणों से नहीं बल्कि संगठित नेटवर्क के तहत भारत में दाखिल हो रहे हैं।

  • कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि इनमें से कुछ प्रवासी इस्लामिक स्टेट (ISIS), अल-कायदा और अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं।
  • कई राज्यों में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और भारतीय पासपोर्ट बनवाते हुए पकड़ा गया है।
  • दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में अवैध प्रवासियों की बस्तियां बढ़ रही हैं, जिससे कानून-व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है।

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह बयान एक बड़े राजनीतिक और सुरक्षा संकेत के रूप में देखा जा रहा है। भारत में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। हालांकि, इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस जारी है, लेकिन सरकार का रुख साफ है कि अवैध प्रवास को अब और सहन नहीं किया जाएगा।