लखनऊ (ब्यूरो) । योगी सरकार पिछले आठ
वर्षों में प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध
कराने के लिए नए-नए अवसर प्रदान कर रही
है। इसी क्रम में योगी सरकार प्रदेश के दो लाख
से अधिक युवाओं को अब अग्निशमन विभाग
द्वारा प्रशिक्षण के बाद निजी संस्थानों में अग्नि
सुरक्षा अधिकारी और अग्नि सुरक्षा कर्मी के
पद पर तैनाती के अवसर उपलब्ध कराएगी।
इसके लिए सीएम योगी के निर्देश पर विभाग
ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। इन युवाओं
को ट्रेनिंग के बाद प्रदेश के मॉल, हॉस्पिटल,
स्कूल और बड़े व्यावसायिक भवनों में नौकरी
के अवसर उपलब्ध होंगे।
योगी सरकार की यह पहल एक ओर जहां
प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोड़ेगी, वहीं
दूसरी ओर प्रदेश को अधिक सुरक्षित, सजग
और समय रहते आपदा से निपटने में सक्षम
बनाएगी। इसी के साथ उत्तर प्रदेश देश का
ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जहां युवाओं
को अग्निशमन का प्रशिक्षण देकर रोजगार
उपलब्ध कराया जाएगा।
अग्निशमन विभाग की एडीजी पद्मजा
चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश के
निजी भवनों में सिक्याेरिटी गार्ड की तरह
अनिवार्य रूप से अग्नि सुरक्षा अधिकारी
और अग्नि सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने
की कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके लिए
योग्यता के मानक भी तय कर लिए गए हैं।
विभाग द्वारा प्रदेश के इच्छुक युवाओं को एक
हफ्ते से लेकर चार हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इसके बाद उन्हें विभाग द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान
किया जाएगा, फिर प्रदेश के निजी भवनों जैसे
मॉल, मल्टीप्लेक्स, 100 या उससे अधिक बेड
कीक्षमता वाले हॉस्पिटल, 24 मीटर से अधिक
ऊंचाई के गैर आवासीय भवन, 45 मीटर से
अधिक ऊंचाई के आवासीय भवन, 10,000
वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले औद्योगिक
भवनों में नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला
राज्य है, जिसने केंद्र सरकार के ‘मॉडल फायर
सर्विस बिल- 2019’ को स्वीकार करते हुए
‘उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा
अधिनियम- 2022’ लागू किया है। इस
अधिनियम के तहत निजी भवनों में प्रशिक्षित
अग्नि सुरक्षा अधिकारियों के साथ अग्नि
सुरक्षा कर्मियों की तैनाती अनिवार्य है। इन
भवनों में अग्नि सुरक्षा अधिकारियों और अग्नि
सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने वाला देश का
पहला राज्य उत्तर प्रदेश बन जाएगा।
एडीजी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लागू
‘उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा
अधिनियम- 2022’ और ‘अग्निशमन
नियमावली- 2024’ देश के अन्य राज्यों के
लिए आदर्श बन चुकी है। अन्य राज्य इस
मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं और अपने यहां
इसी तरह की व्यवस्था लागू करने की दिशा में
प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि इच्छुक युवाओं
को प्रशिक्षण देने के लिए अग्निशमन विभाग
के अधिकारियों और कर्मचारियों को उच्च
तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ अत्याधुनिक
उपकरणों का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के
लिए उन्नाव स्थित ट्रेनिंग सेंटर की क्षमता 196
से बढ़ाकर 600 किए जाने का कार्य प्रगति पर
है। रीजनल ट्रेनिंग सेंटरों की स्थापना का भी
लक्ष्य है, जिससे आम नागरिकों और विभिन्न
कंपनियों और संस्थाओं के कर्मियों को उच्च
स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त हो सके।
विभिन्न श्रेणियों के भवनों के लिए निर्धारित
न्यूनतम अर्हता और अनुभव प्राप्त महिला-
पुरुष, जिसकी न्यूनतम आयु 18 वर्षहो, अपने
जनपद के किसी भी फायर स्टेशन पर एक
सप्ताह के अनुकूलन/प्रशिक्षण कार्यक्रम के
बाद फायर सेफ्टी ऑफिसर हो सकेगा। इसी
प्रकार अग्नि सुरक्षा कर्मी के लिए कक्षा-10
उत्तीर्ण कोई भी महिला या पुरुष, किसी फायर
स्टेशन से 4 सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त करके
या अग्नि सचेतक/फायर वॉलंटियर के रूप में
लगातार 2 वर्ष तक पंजीकृत रहकर योगदान
देने के बाद अग्नि सुरक्षा कर्मी बन सकेगा।