उत्तर प्रदेश में
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शुरू किए
गए मिशन शक्ति अभियान के सकारात्मक
और ठोस नतीजे अब सामने आने लगे
हैं। प्रदेश के सभी थानों में मिशन शक्ति
केंद्रों की स्थापना के बाद महिला अपराधों
में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। यह
जानकारी पुलिस महानिदेशक राजीव
कृष्ण की समीक्षा बैठक में सामने आई।
डीजीपी मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के
अनुसार, मिशन शक्ति केंद्र बनने के बाद
दुष्कर्म के मामलों में करीब 34 प्रतिशत की
कमी आई है। वहीं महिलाओं और बच्चियों
के अपहरण के मामलों में 17 प्रतिशत तक
गिरावट दर्ज की गई है। दहेज हत्या के
मामलों में भी लगभग 13 प्रतिशत की कमी
आई है, जबकि घरेलू हिंसा के मामलों में
करीब 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई
है। आंकड़ों के अनुसार, दहेज हत्या के
मामलों में सबसे अधिक 80 प्रतिशत की
कमी बलरामपुर जिले में दर्ज की गई है।
वहीं दुष्कर्म के मामलों में बाराबंकी जिले
में करीब 77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट
सामने आई है। महिलाओं और बच्चियों के
अपहरण के मामलों में अमेठी जिले में 42
प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई,
जबकि घरेलू हिंसा के मामलों में श्रावस्ती
जिले में करीब 36 प्रतिशत की गिरावट
देखने को मिली है।
यह आंकड़े मिशन शक्ति केंद्र स्थापित
होने से पहले और बाद के तीन-तीन
महीनों की तुलना के आधार पर तैयार किए
गए हैं। समीक्षा के दौरान 16 जून से 15
सितंबर 2025 (केंद्र स्थापना से पहले)
और 16 सितंबर से 15 दिसंबर 2025
(केंद्र स्थापना के बाद) के महिला संबंधी
अपराधों का विश्लेषण किया गया।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी
परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, उप
महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्त, संयुक्त व
अपर पुलिस आयुक्त, तथा सभी जिलों के
मिशन शक्ति नोडल अधिकारियों के साथ
बैठक कर फीडबैक लिया।
उन्होंने मिशन शक्ति केंद्रों की सफलता
के लिए पुलिसकर्मियों और अधिकारियों
की सराहना की और आगे बेहतर कार्य के
लिए कई अहम निर्देश भी दिए।
डीजीपी ने बताया कि मिशन शक्ति
केंद्र अब केवल शिकायत दर्ज कराने का
स्थान नहीं रह गए हैं, बल्कियह महिलाओं
के लिए एक सिंगल प्वाइंट ऑफ सपोर्ट
के रूप में काम कर रहे हैं। यहां महिलाओं
को शिकायत की शुरुआत से लेकर
न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने तक मानसिक,
सामाजिक, काननी और संस ू ्थागत सहयोग
दिया जा रहा है।