मेरठ (एनएफटी रिपोर्टर)। वर्तमान
शैक्षणिक सत्र के अंतिम दिवस पर मेरठ
कॉलेज के इतिहास विभाग में प्रोफेसर
वकुल रस्तोगी की सेवानिवृत्ति पर एक
विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित किया
गया, जिसकी अध्यक्षता बागपत सांसद
डॉ राजकुमार सांगवान ने की। यहां
उल्लेखनीय है की सांसद राजकुमार
सांगवान मेरठ कॉलेज में ही इतिहास
विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे।
उन्होंने अपने लंबे सेवा कार्यकाल में प्रो
वकुल रस्तोगी से संबंधित संस्मरणों को
सांझा करते हुए बताया कि एक सच्चा
शिक्षक कभी भी सेवानिवृत्त नहीं होता।
वह सेवानिवृत्ति के बाद भी अनेक रूपों में
छात्रों एवं समाज की सेवा करता रहता है।
उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे लिए
भावनाओं से भरा हुआ है, क्योंकि हम
अपने प्रिय इतिहास विभाग के प्रो वकुल
रस्तोगी को विदाई दे रहे हैं। उनका जीवन
शिक्षण, अनुसंधान और विद्यार्थियों के
सर्वांगीण विकास को समर्पित रहा है।
उनके मार्गदर्शन में न केवल विद्यार्थियों ने
इतिहास की गहराइयों को समझा, बल्कि
उन्होंने सोचने, प्रश्न करने और सच्चाई
की खोज करने का साहस भी सीखा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि चौधरी
चरण सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास
विभाग के प्रो विघ्नेश कुमार ने कहा कि
डॉ वकुल रस्तोगी ने शिक्षण क्षेत्र में
35 वर्षों तक अपनी सेवाएं दी। उनकी
विशेषता भारतीय मध्यकालीन इतिहास,
मुग़लकालीन प्रशासन और सामाजिक
संरचनाओं की गहन जानकारी रही है।
उनकी कक्षाएं केवल विषय पढ़ाने का
माध्यम नहीं, बल्कि विचारों के आदानप्रदान का मंच होती थीं।
उनके द्वारा पढ़ाई गई प्रत्येक कक्षा में
एक जीवंतता और प्रेरणा की ऊर्जा होती
थी। विभाग की अध्यक्ष प्रो. अर्चना सिंह ने
बताया कि उन्होंने कई शोधपत्र प्रकाशित
किए, छात्रों को शोध में मार्गदर्शन
दिया और अनेक शैक्षिक सेमिनारों का
आयोजन भी किया। मेरठ कॉलेज की
प्राचार्य प्रो सीमा पंवार ने कहा कि वे सदैव
अनुशासनप्रिय, विनम्र और विद्यार्थियों के
हित में सोचने वाले शिक्षक रहे हैं। उनके
सहज व्यवहार और सुलझे दृष्टिकोण ने
सभी सहयोगियों और छात्रों के दिल में
एक विशेष स्थान बना लिया है। संचालन
करते हुए डॉ. चंद्रशेखर भारद्वाज ने कहा
कि आज जब वे सेवानिवृत्त हो रहे हैं,
हम उन्हें धन्यवाद देते हैं उनके अमूल्य
योगदान के लिए। उनका ज्ञान, व्यक्तित्व
और शिक्षण शैली हमेशा हमारी स्मृतियों
में जीवित रहेगी। हम उनके स्वस्थ, सुखद
और सक्रिय जीवन की कामना करते हैं।
डॉ वकुल रस्तोगी जैसे समर्पित शिक्षक
शिक्षा जगत के लिए एक अमूल्यनिधि हैं।
कार्यक्रम में डॉ अनिल राठी, प्रो हरजिंदर
सिंह, डॉ बबीता रस्तोगी, असिस्टेंट
कमिश्नर राजीव रंजन पांडे, अल्केश
रोहित, कोसेंद्र, संदीप एवं श्वेता आदि
का विशिष्ट सहयोग रहा।