केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में पूर्वोत्तर के छात्रों और युवाओं को संबोधित करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने शांति और विकास के माध्यम से इस क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा है।
पूर्वोत्तर में शांति की स्थापना अमित शाह ने बताया कि पिछले दशक में पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं में 70% की कमी आई है। जहां 2004 से 2014 के बीच 11,000 हिंसक घटनाएं हुई थीं, वहीं 2014 से 2024 के बीच यह संख्या घटकर 3,428 रह गई है। नागरिकों की मौतों में 89% और सुरक्षा बलों के जवानों की शहादत में 70% की कमी आई है। सरकार ने 12 बड़े शांति समझौतों के माध्यम से 10,500 से अधिक उग्रवादियों को मुख्यधारा में शामिल किया है, जिससे क्षेत्र में शांति का वातावरण बना है।
बुनियादी ढांचे में सुधार सरकार ने पूर्वोत्तर के हर राज्य की राजधानी को 2027 तक रेल, हवाई मार्ग और सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के तहत पूर्वोत्तर की भाषाओं, बोलियों, संस्कृति, वेशभूषा, परंपरागत नृत्य और कलाओं को सम्मानित और सुरक्षित किया है। यह पहल क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सरकार ने असम में 2,700 करोड़ रुपये की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने और पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे और उद्योगों के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इससे अगले 10 वर्षों में क्षेत्र के युवाओं को अपने ही राज्यों में रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे उन्हें अन्य राज्यों में नौकरी की तलाश में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
प्रधानमंत्री की पूर्वोत्तर के प्रति प्रतिबद्धता स्वतंत्रता के बाद से अब तक सभी प्रधानमंत्रियों ने मिलाकर सिर्फ 21 बार (असम को छोड़कर) पूर्वोत्तर का दौरा किया था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकेले 78 बार इस क्षेत्र का दौरा किया है। यह पूर्वोत्तर के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, अब हर महीने एक केंद्रीय मंत्री पूर्वोत्तर के किसी राज्य में रात बिताएंगे, ताकि विकास कार्यों की निगरानी हो सके।
अमित शाह के संबोधन से स्पष्ट है कि सरकार पूर्वोत्तर के विकास और शांति के लिए प्रतिबद्ध है। युवाओं की सक्रिय भागीदारी से इस क्षेत्र का समग्र विकास संभव है, जिससे भारत के विकास में पूर्वोत्तर का योगदान और भी महत्वपूर्ण होगा।