प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों
में पिछले दस वर्षों में भारी परिवर्तन आया है। क्षेत्र में विकास और समृद्धि
लाने पर केंद्र के जोर के कारण आज इसकी पहचान ‘छोड़े गए क्षेत्र के बजाय
प्रचुर क्षेत्र’ के रूप में की जाती है। असम ट्रिब्यून से अपने आधिकारिक आवास
पर विशेष बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, ‘’पिछले 10 वर्षों में यह दिखाई दे
रहा है कि कैसे हमने उत्तर-पूर्व के अलगाव को खत्म किया है और इसे पूर्व में
भारत के प्रवेश द्वार के रूप में विकसित किया है।’
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी
सरकार ने उत्तर-पूर्व की धारणा बदल दी और इसे देश की ‘सबसे बड़ी सफलता की
कहानी’ बताया। उन्होंने आगे बताया, ‘’आज, उत्तरपूर्व नए भारत की सबसे बड़ी
सफलता की कहानी के रूप में उभरा है। इसने दुनिया को दिखाया है, जब नियत सही
होती है, तो नतीजे भी सही होते हैं।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि
पूर्वोत्तर वर्षों तक उपेक्षित रहा, लेकिन, अब मजबूत विकास की ओर अग्रसर है,
क्योंकि यहां की स्थानीय प्रतिभा और युवा भी इस यात्रा का हिस्सा बने हैं।
उत्तर-पूर्व के लोगों के साथ कांग्रेस शासन के ‘सौतेले व्यवहार’ के बारे में
बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चुनावी फायदा कम दिखने के कारण यह क्षेत्र
हाशिये पर रहा, लेकिन एनडीए सरकार के तहत चीजें बदल गईं।
उत्तर-पूर्व पर अपने
व्यक्तिगत ध्यान के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मैंने इस क्षेत्र
का लगभग 70 बार दौरा किया है, जो शायद मेरे पहले के सभी पूर्वप्रधानमंत्रियों
की यात्राओं की संख्या से अधिक है।” साथ ही उन्होंने कहा, “इसे अलग-थलग रखने
और इस ओर ध्यान नहीं देने की नीति की जगह, इस तरफ ध्यान केंद्रित करने की
नीति को प्रतिस्थापित कर दिया गया।’’ उन्होंने कहा, “2015 से आज तक केंद्रीय
मंत्रियों ने 680 से अधिक बार उत्तर-पूर्व का दौरा किया है।”