वारदात

सौरभ राजपूत हत्याकांड में 14वें गवाह से लंबी जिरह

विवेचक दरोगा कर्मवीर सिंह की गवाही, अगली सुनवाई 4 दिसंबर को

मर्चेंट नेवी ऑफिसर सौरभ राजपूत हत्याकांड की सुनवाई जिला जज अनुपम कुमार की अदालत में जारी है। मंगलवार को केस के 14वें गवाह और विवेचक दरोगा कर्मवीर सिंह की गवाही दर्ज की गई, जिनसे करीब ढाई से तीन घंटे तक जिरह हुई। वर्तमान में रोहटा थाने में तैनात एसएसआई कर्मवीर सिंह का मुख्य परीक्षण पहले ही पूरा हो चुका था। सौरभ राजपूत की ओर से केस लड़ रहे सीनियर एडवोकेट विजय बहादुर ने बताया कि जिरह मुख्य रूप से बरामदगी से जुड़े दस्तावेजों और प्रमाणों पर केंद्रित रही। इसमें बरामद माल पर लगी मोहरों, हस्ताक्षरों, फोरेंसिक रिपोर्ट, और जांच अधिकारियों के हस्ताक्षरों जैसे तकनीकी बिंदुओं पर प्रश्न किए गए। साथ ही, माल को सील और सिलाई करने के स्थानों पर लगे स्टैम्प और हस्ताक्षरों की पुष्टि भी की गई। मंगलवार की जिरह में केवल बरामद माल से संबंधित प्रश्न पूछे गए, जो पूरी नहीं हो सकी। मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को तय की गई है। अब तक 13 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें सौरभ के बड़े भाई राहुल, मां रेणु देवी, पोस्टमार्टम टीम, जांच अधिकारी, सौरभ के मित्र, मुस्कान को दवा लिखने वाले डॉक्टर, ड्रम काटने वाले मजदूर, चाकू और सीमेंट विक्रेता, दवा विक्रेता और कैब ड्राइवर शामिल हैं। मुख्य आरोपी मुस्कान रस्तोगी ने हाल ही में 24 नवंबर को एक बेटी को जन्म दिया है।
ज्ञात हो कि लंदन में कार्यरत पूर्व मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ राजपूत 24 फरवरी 2025 को मेरठ आए थे। उन्होंने 25 फरवरी को बेटी पीहू और 27 फरवरी को पत्नी मुस्कान का जन्मदिन मनाया था। लेकिन 3 मार्च की रात पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर उनकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को टुकड़ों में काटकर प्लास्टिक के नीले ड्रम में सीमेंट से भरकर छिपा दिया गया था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद किया था।