भक्ति

क्रांति दिवस पर औघड़नाथ मंदिर में शहीदों को दी श्रद्धांजलि

क्रांति दिवस पर औघड़नाथ मंदिर में शहीदों को दी श्रद्धांजलि

प्रसिद्ध 1857 की क्रांति की ज्वाला मेरठ के बाबा औघड़नाथ मंदिर से भड़की थी। स्वतंत्रता सेनानियों की गुप्त मीटिंग यहीं पर होती थी। हालांकि बाद में अंग्रेजों ने यहां अपनी छावनी बनाई, जो दिल्ली से 81 किलोमीटर दूर स्थित मंदिर ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है, जिसमें यहां पर 1857 की क्रांतिकारी की याद में एक शहीद स्तंभ भी बनाया गया है। शहीद स्तंभ पर दिव्यांग पीयूष गोयल ने शहीदों को नमन किया एवं पुष्पांजलि अर्पित की। दरअसल, 10 मई 1857 को क्रांति की शुरुआत मेरठ से ही हुई थी।

इसलिए मेरठ को क्रांतिधरा भी कहा जाता है। पीयूष गोयल ने कहा कि युवा पीढ़ी को क्रांतिकारियों का बलिदान हमेशा याद रखना चाहिए। हम लोगों को अंग्रेजों से मुक्त करने में क्रांतिकारियों को बड़ा योगदान है। हम सदैव क्रांतिकारियों का सम्मान करते रहेंगे। इस दौरान विपुल सिंघल आदि भी मौजूद रहे।