2025 का साल
अब खत्म होने की कगार पर है। इस साल
कई बीमारियों ने पूरी दुनिया को डर के साये
में लाकर खड़ा कर दिया। ये बीमारियां सिर्फ
इस साल के लिए ही नहीं, बल्कि आने वाले
साल के लिए भी एक चेतावनी हैं। दुनिया ने
इस साल कई बीमारियों का सामना किया।
आइए जानते हैं कि वो कौन सी बीमारियां
हैं, जिन्होंने लोगों को खौफ में जीने के
लिए मजबूर कर दिया। इस साल युवाओं
में साइलेंट हार्ट अटैक के काफी मामले
देखने को मिले। इस साल 25 से लेकर 40
तक के फिट लोगों में साइलेंट हार्ट अटैक
से मौत के कई मामले देखे गए। यह यहीं
तक सीमित नहीं था, कुछ मामलों में छोटे
बच् भी साइलेंट हा चे र्ट अटैक के शिकार होते
नजर आए। चिंता की बात यह है कि ये
मामले उन लोगों में देखने को मिले जो पूरी
तरह से स्वस्थ और फिट थे।
जो अक्सर
जिम जाते थे, उनमें भी इसे देखा गया। जिम
करते हुए, डांस करते हुए, चलते हुए, और
दफ्तर में काम करते हुए लोग साइलेंट हार्ट
अटैक के शिकार हो गए। यह एक बड़ी
चिंता का विषय बना हुआ है। सुपर फ्लू
और जिद्दी खांसी भी इस साल एक बड़ी
बीमारी के तौर पर नजर आई। एक बार
अगर किसी को खांसी होती है, तो फिर
वह महीनों तक खत्म नहीं होती है। साल
2025 में इन्फ्लूएंजा नाम का वेरिएंट देखा
गया, जिसमें बुखार तो कुछ दिनों में ठीक
हो जाता है, लेकिन खांसी कई हफ्तों तक
रह जाती है। डॉक्टरों ने इसे लॉन्ग-लास्टिंग
कफ का नाम दिया।
सांस लेने में तकलीफ होने के मामले
भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण और
जहरीली गैस वाली हवा की वजह से लोगों
को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है।
यह केवल एक देश तक सीमित नहीं है,
बल्कि यह दुनिया के कई देशों में देखने को
मिल रहा है। इसका प्रमुख कारण हवा में
फैली जहरीली गैस है।
जलवायु में परिवर्तन के बीच डेंगू का
प्रकोप भी भारी पड़ रहा है। अक्सर ऐसा
देखा जाता था कि बरसात के मौसम में डेंगू
के मामले बढ़ते थे और धीरे-धीरे इसका
प्रकोप कम हो जाता था। हालांकि, इस साल
जलवायु में परिवर्तन की वजह से डेंगू का
प्रकोप नवंबर से दिसंबर तक देखने को
मिला।
इस साल फैटी लिवर के मामले भी तेजी
से देखने को मिल रहे हैं। पहले कहा जाता
था कि जो लोग शराब पीते हैं उनका ही
लिवर खराब होता है या लिवर में सूजन
की समस्या देखने को मिलती है। हालांकि,
आज के समय में फैटी लिवर की समस्या
हर वर्ग के लोगों में देखने को मिल रही है।
इसका मुख्य कारण हमारा खानपान है।